Peas Import: खाद्य महंगाई पर रहेगा कंट्रोल! पीली दाल के लिए सरकार ने बढ़ाया इस छूट का समय
Food Prices in India: जनवरी महीने में खुदरा महंगाई की दर में कमी आई, लेकिन अभी भी वह तय लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है...
महंगाई की मार से परेशान हुए लोगों को अब जाकर मिल रही राहत आगे भी बरकरार रहने वाली है. महंगाई खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए सरकार लगातार उपाय कर रही है. ताजा मामले में सरकार ने दाल की कीमतों को काबू में रखने का एक और प्रयास किया है.
ड्यूटी-फ्री आयात का बढ़ा समय
केंद्र सरकार ने पीली दाल के ड्यूटी-फ्री आयात की समयसीमा आगे बढ़ा दी है. इसे लेकर गुरुवार देर शाम आधिकारिक गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया. नोटिफिकेशन के अनुसार, अब अप्रैल 2024 तक पीली दाल का ड्यूटी-फ्री आयात किया जा सकेगा. पहले इसकी समयसीमा मार्च में यानी अगले महीने समाप्त होने वाली थी. सरकार ने इस समयसीमा में दिसंबर में भी बदलाव किया था और इसे मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया था. अब टाइमलाइन को एक और महीने बढ़ाया गया है.
इन दो देशों से होता है आयात
सरकार खाने-पीने की चीजों की महंगाई को कंट्रोल में रखने के लिए पहले भी कई प्रयास कर चुकी है. पीली दाल पर नवंबर 2017 में 50 फीसदी शुल्क लगाया गया था. बाद में महंगाई बढ़ने पर सरकार ने शुल्क को हटाने का निर्णय लिया था. भारत मुख्य तौर पर कनाडा और रूस से पीली दाल का आयात करता है.
भारत में इन दालों की ज्यादा खपत
दाल की बात करें तो भारत में बड़े पैमाने पर कई तरह की दालों का उत्पादन व उपभोग होता है. भारत में सबसे ज्यादा चना, उड़द, अरहर, काबूली चना जैसी दालों का इस्तेमाल होता है. देश की घरेलू जरूरतों की ज्यादातर पूर्ति स्थानीय उत्पादन से ही हो जाती है, लेकिन कुछ मात्रा में आयात पर भी निर्भर रहना पड़ता है. दालों के आयात में सबसे ज्यादा हिस्सा पीली दाल का ही है.
अन्य दालों की कीमतों पर काबू रखने के लिए सरकार स्टॉक लिमिट भी लगा चुकी है. अरहर और उड़द दाल को लेकर पहले अक्टूबर 2023 तक की स्टॉक लिमिट लगाई गई थी, जिसे बाद में दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. थोक विक्रेताओं और चेन रिटेलर्स के लिए लिमिट 200 मीट्रिक टन से घटाकर 50 मीट्रिक टन कर दी गई थी.
अभी इतनी है भारत में महंगाई
हालिया दिनों में देश में महंगाई में नरमी देखी गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खुदरा महंगाई कम होकर 5.10 फीसदी पर आ गई, जो दिसंबर 2023 में 5.69 फीसदी थी. हालांकि खुदरा महंगाई अभी भी लक्ष्य से ऊपर ही है. आरबीआई को महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे रखने का लक्ष्य दिया गया है. यही कारण है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी में हुई मौद्रिक नीति समिति बैठक में भी ब्याज दरों को कम नहीं करने का फैसला लिया.
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