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5G Auction: 5जी नीलामी से सरकारी खजाने में आए इतने हजार करोड़, जियो को पीछे छोड़ एयरटेल बनी नंबर-1
5G Spectrum Auction: देश में 5जी स्पेक्ट्रम की दूसरी नीलामी से सरकार को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई होने का अनुमान है और कहा जा रहा है कि अकेले एयरटेल का योगदान लगभग आधा है...
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देश में 5जी स्पेक्ट्रम की दूसरी बहुप्रतीक्षित नीलामी का दौर पूरा हो चुका है. ऐसा बताया जा रहा है कि 5जी स्पेक्ट्रम की इस दूसरी नीलामी से सरकार को खजाने में 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं और उसमें से सबसे ज्यादा रकम भारती एयरटेल से मिली है.
सरकार को हुई 11000 करोड़ से ज्यादा कमाई
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की दूसरी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी सात दौर की बोलियों के बाद बुधवार को समाप्त हुई. इस नीलामी से सरकार को 11,300 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम मिलने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारती एयरटेल 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में बोली लगाने में रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया जैस प्रतिस्पर्धियों से आगे रही है.
इस तरह रही तीनों कंपनियों की खरीदारी
रिपोर्ट के अनुसार, नीलामी में देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने 900 मेगा हर्ट्ज, 1800 मेगा हर्ट्ज और 2100 मेगा हर्ट्ज के बैंड की खरीदारी की. वहीं सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो का फोकस 1800 मेगा हर्ट्ज तक सीमित रहा. वोडाफोन आइडिया ने 900 मेगा हर्ट्ज, 1800 मेगा हर्ट्ज और 2500 मेगा हर्ट्ज के बैंड को खरीदने पर ध्यान दिया.
अकेले एयरटेल ने दिए इतने हजार करोड़
मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि भारती एयरटेल ने 12 सर्किलों के लिए 900 मेगा हर्ट्ज बैंड में खरीदारी पर 4,200 करोड़ रुपये खर्च किया. इसी तरह उसने 5 सर्किलों में 1800 मेगा हर्ट्ज बैंड खरीदने पर 700 करोड़ रुपये और 4 सर्किलों में 2100 मेगा हर्ट्ज बैंड खरीदने पर 500 करोड़ रुपये खर्च किया. इस तरह अनुमान है कि एयरटेल ने इस नीलामी में कुल 5,400 करोड़ रुपये खर्च किया. यानी कंपनी ने अकेले लगभग 50 फीसदी का योगदान दिया.
एयरटेल और वोडाफोन की खरीदारी
रिपोर्ट में एनालिस्ट के हवाले से कहा गया है कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने स्पेक्ट्रम खरीदने में उन टेलीकॉम सर्किल का ध्यान रखा, जहां उनके परमिट इस साल एक्सपायर हो रहे हैं. वहीं एसरटेल ने sub-GHz स्पेक्ट्रम में स्थिति को मजबूत करने के लिए 900 मेगा हर्ट्ज बैंड की अतिरिक्त खरीद की. कंपनी ने 2100 मेगा हर्ट्ज बैंड में भी स्पेक्ट्रम की खरीदारी की, जिससे पता चलता है कि कंपनी ग्रामीण इलाकों में 4जी नेटवर्क को मजबूत बनाने और देश भर में 5जी कवरेज देने पर ध्यान लगा रही है.
कवरेज बेहतर करने पर जियो का फोकस
वहीं रिलायंस जियो का देखें तो चूंकि उसका किसी टेलीकॉम सर्किल में स्पेक्ट्रम फिलहाल एक्सपायर नहीं हो रहा है, तो उसने लिमिटेड खरीद करने पर ध्यान दिया. कंपनी ने 1800 मेगा हर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदकर अपने 4जी और 5जी कवरेज को बेहतर बनाने का इरादा जाहिर किया.
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