देश में खुदरा महंगाई में लगातार नरमी आ रही है, लेकिन खाने-पीने की चीजों की महंगाई तेज बनी हुई है. उसमें नरमी आने से पहले और तेजी आने की आशंका बढ़ गई है, क्योंकि रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले आलू, प्याज और टमाटर के भाव बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार को इस बीच मौसम से बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है. सरकार को लगता है कि इस सीजन में अच्छी बारिश होने से आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें कम होंगी.


केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि समय से शुरू हो रही मानसून की बारिश ने टमाटर, प्याज और आलू जैसी बागवानी फसलों को लेकर उम्मीद बढ़ाई है. इससे आने वाले दिनों में तीनों की कीमतें नरम हो सकती हैं.


पिछले साल से इतने महंगे हैं आलू-प्याज


सरकार ने यह उम्मीद ऐसे समय जताई है, जब आलू, प्याज और टमाटर तीनों की कीमतें बढ़ी हुई हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के थोक बाजार में 5 जून 2024 को आलू 2,050 रुपये क्विंटल बिक रहा था. यह साल भर पहले की तुलना में 67.35 फीसदी ज्यादा है. 5 जून 2023 को आलू की थोक कीमत 1,225 रुपये थी. इसी तरह प्याज की मौजूदा कीमत 2,825 रुपये क्विंटल है, जो साल भर पहले के भाव 1,575 रुपये से 79.37 फीसदी ज्यादा है.


80 रुपये किलो तक पहुंचा टमाटर का रेट


टमाटर के मामले में थोक कीमतें एक साल पहले की तुलना में कम हैं. पिछले साल 5 जून टमाटर की थोक कीमतें 6,225 रुपये क्विंटल थीं. इस साल 5 जून को थोक बाजार में टमाटर 3,600 रुपये क्विंटल की दर से बिका. यानी साल भर पहले की तुलना में भाव 42.17 फीसदी नरम हैं. हालांकि खुदरा बाजार में टमाटर के भाव चढ़ने शुरू हो गए हैं. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते टमाटर की आपूर्ति में रुकावट आई है, जिससे कुछ खुदरा बाजार में टमाटर 80 रुपये किलो के भाव से बिकने लगा है. पिछले साल खुदरा बाजार में टमाटर 350 रुपये किलो तक पहुंच गया था.


अच्छे मौसम से ज्यादा बुवाई की उम्मीद


सरकार ने अच्छे मौसम की उम्मीद में बागवानी फसलों की बुवाई के टारगेट को बढ़ाया है. इस खरीफ सीजन में टमाटर की बुवाई 2.72 लाख हेक्टेयर रहने की उम्मीद है. पिछले साल यह आंकड़ा 2.67 लाख हेक्टेयर रहा था. इसी तरह खरीफ प्याज की बुवाई 3.61 लाख हेक्टेयर की उम्मीद है, जो साल भर पहले से लगभग 27 फीसदी ज्यादा है. आलू के मामले में खरीफ सीजन की बुवाई पिछले साल से 12 फीसदी ज्यादा रहने का टारगेट सेट किया गया है. सरकार को लगता है- आलू, प्याज और टमाटर की खरीफ फसलों की आवक से बाजार में कीमतों पर लगाम लगेगी.


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