केंद्र सरकार ने देश से प्याज के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी है. सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यह कदम उठाया है. इसके तहत प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी का भारी-भरकम शुल्क लगा दिया गया है, जो इस साल के अंत तक प्रभावी रहने वाला है.


साल के अंत तक लागू रहेगा शुल्क


केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाए गए शुल्क को लेकर शनिवार की शाम अधिसूचना जारी की. अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर 2023 तक के लिए 40 फीसदी का शुल्क लगाने का निर्णय लिया है.


पहले से लग रहा था अनुमान


सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह पाबंदी ऐसे समय लगाई है, जब टमाटर के बाद प्याज के भाव आसमान छूने की आशंकाएं जताई जा रही थी. ऐस कहा जा रहा था कि सितंबर से प्याज की कीमतें चढ़ने लगेंगी और आम लोगों को महंगाई के नये झटके देगी. इस आशंका के मद्देनजर पहले से अनुमान था कि सरकार प्याज के निर्यात पर रोक लगाने की दिशा में उपाय कर सकती है.


सरकार करने वाली है ये भी उपाय


प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बनी रहे. घरेलू बाजार में पर्याप्त उपलब्धता बनी रहने से प्याज की कीमतें बेकाबू होने का कम जोखिम रहेगा. वहीं इसके अलावा सरकार घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बफर स्टॉक से भी प्याज निकलने वाली है.


मई के बाद बढ़ने लगी महंगाई


टमाटर, सब्जियों व मसालों के भाव में लगी आग के चलते मई के बाद फिर से महंगाई बढ़ने लगी है. जुलाई में खुदरा महंगाई की दर कई महीनों के बाद 7 फीसदी के पार निकल गई थी. हाल ही में रिजर्व बैंक ने अपने बुलेटिन में आशंका जाहिर की है कि सितंबर तिमाही में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है, जो कि उसकी अपर लिमिट है.


टमाटर में आने लगी नरमी


महंगाई के इस बदले ट्रेंड के लिए टमाटर को खास तौर पर जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसकी खुदरा कीमतें देश के ज्यादातर शहरों में 200-250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं. टमाटर के भाव हालिया सप्ताहों में कुछ नरम हुए हैं.


ये भी पढ़ें: ये हैं मार्केट के टॉप 8 पोर्टफोलियो मैनेजर, जिन्होंने साल भर में दिया कम से कम 50 पर्सेंट रिटर्न