नई दिल्लीः सरकार ने प्राकृतिक गैस की दर में छह फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है और इसके साथ यह दो साल में उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है. इससे सीएनजी और रसोई गैस के भाव ऊंचे होंगे.


कितने बढाए गए हैं दाम
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक घरेलू फील्ड से उत्पादित अधिकांश प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से 3.06 डॉलर प्रति यूनिट (प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) होगी. यह बढ़त एक अप्रैल से छह महीने के लिये की गयी है. अभी यह 2.89 डॉलर है.

साथ ही गहरे पानी, उच्च तापमान जैसे कठिन क्षेत्रों में नये फील्डों से उत्पादित गैस की कीमत सीमा अप्रैल-अक्तूबर 2018 के लिये बढ़ाकर 6.78 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया है. फिलहाल यह 6.30 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट है. सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस की कीमत क्रमश: 50-55 पैसे और 35-40 पैसे प्रति घन मीटर बढ़ेगी.

सीएनजी और पाइपलाइन रसोई गैस महंगी होगी
गैस कीमत में बढ़त से आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी उत्पादक कंपनियों की आय में बढ़ोतरी होगी. साथ ही इससे सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस महंगी होगी. इस बढ़ोतरी से घरेलू गैस आधारित बिजली उत्पादनकी लागत करीब 3 फीसदी बढ़ेगी. साथ ही इससे सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस की कीमत क्रमश: 50-55 पैसे और 35-40 पैसे प्रति घन मीटर बढ़ेगी.

यह लगातार दूसरा मौका है जब गैस के दाम बढ़ाये गये हैं. इससे अप्रैल- सितंबर 2016 के बाद गैस की दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है. उस समय इतनी ही कीमत घरेलू उत्पादकों को दी जाती थी. प्राकृतिक गैस का उपयोग रसोई गैस और सीएनजी के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है इसलिए इनके दाम में इजाफा होगा. इससे यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी.

अमेरिका, रूस और कनाडा जैसे गैस सरप्लस वाले देशों में औसत दरों के आधार पर प्राकृतिक गैस की कीमत हर छह महीने बाद निर्धारित की जाती है. भारत अपनी कुल जरूरत का करीब आधा हिस्सा आयात करता है. आयातित गैस की कीमत घरेलू दर के मुकाबले दोगुने से अधिक होती है.

इससे पहले, अक्तूबर 2017-मार्च 2018 की अवधि के लिये गैस कीमत बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया गया था. इससे पहले यह 2.48 डॉलर प्रति यूनिट थी. इस बारे में इक्रा ने कहा, ‘यह बढ़ोतरी उम्मीद के मुताबिक है. इससे गैस उत्पादकों को कुछ राहत मिलेगी.

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