नई दिल्लीः रुपये की गिरती कीमत के मद्देनजर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कई तरह के सामानों के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया गया है. इसके तहत बाहर से आने वाले एसी, फ्रिज, 10 किलो से कम के वाशिंग मशीन और हवाई ईंधन महंगे हो जाएंगे. कुल मिलाकर 19 सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है. आज आधी रात से नई दरें लागू हो जाएंगी.
कुछ दिनों पहले इसको लेकर बैठक हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इसका फैसला हुआ था. सरकार ने इन उत्पादों पर जो आयात शुल्क बढ़ाया है उसके तहत कई उत्पादों पर ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है.
दरअसल सरकार करेंट अकाउंट घाटे पर लगाम लगाना चाहती है जिसके लिए इन उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है. इंपोर्ट डयूटी बढ़ाकर इन उत्पादों का आयात कम करने की कोशिश जा रही है क्योंकि रुपये की गिरती कीमत के चलते इसका खर्च और भी बढ़ता जा रहा है. आपको बता दें कि 2017-18 के दौरान इन सामानों का कुल आयात 86,000 करोड़ रुपये का हुआ था.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से इन उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा.
जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान और सूटकेस शामिल हैं.
मंत्रालय ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर ये शुल्क उपाय किए हैं. इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है. इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है.’ एसी, घरों में काम आने वाले रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 फीसदी कर दिया गया है.
इसी तरह कम्प्रेसर, स्पीकर और फुटवियर पर आयात शुल्क बढ़ाकर क्रमश: 10, 15 और 25 फीसदी किया गया है. रेडियल कार टायर पर आयात शुल्क 10 से 15 फीसदी किया गया है. तराशे और पालिश किए गए, अर्द्ध प्रसंस्कृत और प्रयोगशाला में बनाए गए और रंगीन रत्नों पर आयात शुल्क पांच से बढ़ाकर 7.5 फीसदी किया गया है. इसी प्रकार आभूषण, सुनार, चांदी बर्तन बनाने वालों के सामान पर आयात शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है.
स्नानघर के सामान, पैकिंग सामग्री, मेज का सामान, रसोई के सामान, आफिस स्टेशनरी के सामान, सजावट वाली शीट, मनका, चूड़ियां, ट्रंक, सूटकेस और यात्रा बैग पर अब 10 के बजाय 15 फीसदी का सीमा शुल्क लगेगा.
इसके अलावा सरकार ने विमान ईंधन (एटीएफ) पर पांच फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है. अभी तक इस पर शुल्क नहीं लगता था.
इससे पहले सरकार ने 14 सितंबर को कैड और गिरते रुपये को थामने के लिए गैर आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने का फैसला किया था. विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 फीसदी पर पहुंच गया.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘कुछ कार्रवाई करने की जरूरत थी. आपको याद होगा कि 2013 में कुछ चीजें की गई थीं. ये कदम बाहरी खाते को संतुलित करने और कैड पर नियंत्रण के हैं. लेकिन इसमें महत्वपूर्ण निर्यात बढ़ाना है.’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कहा था, ‘‘बढ़ते कैड के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार गैर आवश्यक वस्तुओं का इंपोर्ट घटाएगी और एक्सपोर्ट बढ़ाएगी.’’ बड़े व्यापार घाटे और रुपये में गिरावट की वजह से कैड पर दबाव बढ़ रहा है. इन कदमों से सकारात्मक असर पड़ेगा.
एसी, रेफ्रिजरेटर्स, वॉशिंग मशीन और स्पीकर्स, रेडिकल कार टायर्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है. इसके अलावा टेबलवेयर्स, किचेनवेयर्स और घर के काम आन वाले दूसरे प्लास्टिक के उत्पादों पर भी आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है. ट्रंक, सूटकेस, एक्जीक्यूटिव केस, ट्रैवल बैग्स, ब्रीफकेस और अन्य बैग पर भी दोगुनी इंपोर्ट ड्यूटी कर दी गई है. एटीएफ पर इंपोर्ट ड्यूटी 0 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दी गई है जिसके चलते एयरलाइन्स का ऑपरेटिंग खर्च बढ़ेगा और इसका असर हवाई किरायों पर देखने को मिल सकता है.
नीचे दी गई सूची में उन सभी उत्पादों के नाम हैं जिनपर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है