नई दिल्लीः सरकार ने रविवार को कहा कि मोटर वाहन अधिनियमों के तहत विभिन्न डॉक्यूमेंट्स और प्रमाण पत्रों की वैधता की तिथि 31 जुलाई तक बढ़ा दी गयी है. इस फैसले के तहत एक फरवरी से नवीनीकरण में देरी के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क या लेट फीस नहीं ली जाएगी. एक सरकारी रिलीज के मुताबिक कोविड-19 के दौरान लोगों की सुविधा के उद्देश्य से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक वैधानिक आदेश जारी किया है.


31 जुलाई तक अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा
रिलीज के मुताबिक इस आदेश में कहा गया है कि इन दस्तावेजों के नवीकरण सहित किसी गतिविधि के लिए एक फरवरी या उसके बाद यदि शुल्क जमा भी कर दिया गया है और कोविड-19 महामारी की रोकथाम से उभरी स्थितियों की वजह से वह गतिविधि पूरी नहीं हो सकी है तो जमा शुल्क को अब भी वैध माना जाएगा.

यदि फीस जमा करने में एक फरवरी 2020 से लॉकडाउन की अवधि तक देरी हुई है तो ऐसी देरी के एवज में 31 जुलाई 2020 तक किसी भी तरह का अतिरिक्त या लेट फीस नहीं ली जाएगी.

क्या है सरकारी आदेश
गृह मंत्रालय के 24 मार्च 2020 के दिशा-निर्देशों और उसके बाद कोविड-19 के प्रकोप की वजह से पूरी तरह लॉकडाउन लागू करने के संबंध में किए गए संशोधनों के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 से संबंधित दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के संबंध में 30 मार्च 2020 को एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें प्रवर्तन अधिकारियों को यह सलाह दी गई थी कि जिन दस्तावेजों की वैधता में विस्तार नहीं दी जा सकी या लॉकडाउन की वजह से नहीं दी जा सकती है और जिनकी वैधता एक फरवरी 2020 को खत्म हो गई या 30 जून 2020 तक खत्म हो जाएगी, उन दस्तावेजों को 30 जून 2020 तक वैध माना जाए.

सरकार की जानकारी में यह भी आया है कि देश में लॉकडाउन लागू होने और सरकारी परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के बंद रहने की वजह से केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के नियम 32 और 81 में दिए गए अलग-अलग चार्ज और लेट फीस को लेकर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए मंत्रालय ने वाहनों के विभिन्न दस्तावेजों की वैधता की अवधि बढ़ाने का यह फैसला किया है.

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