नई दिल्लीः सरकार ने 2017-18 के दौरान के बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं. 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी रही. सांख्यिकी मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किए हैं.
देश में 2017- 18 में बेरोजगारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 फीसदी रही जो 45 साल में सबसे ज्यादा रही है. आम चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गयी थी और शुक्रवार के सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हो गई.
जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच की लीक हुई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट में पहले के सर्वेक्षण में बेरोजगारी से जुड़े पूर्व के आंकड़ों से तुलना की गयी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर पिछले 45 सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी है.
सरकार द्वारा जारी इन आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 फीसदी बेरोजगार रहे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 फीसदी रहा. अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 फीसदी जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 फीसदी रही. इन आंकड़ों में दिखाया गया है कि शहरों में पुरूषों की बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाके की 5.8 फीसदी की तुलना में 7.1 फीसदी है. इसी प्रकार शहरों में महिलाओं की बेरोजगारी दर 10.8 फीसदी पर है जो कि ग्रामीण इलाकों में 3.8 फीसदी रही है.
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को दर्ज करने के बाद सर्वेक्षण रपट जारी करते हुए सांख्यिकी सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, 'यह डिजाइन और आकलन तरीका नया है. इसलिए पू्र्व के सर्वेक्षणों से इसकी तुलना अनुचित होगी. आपका मानना है कि बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे उच्च स्तर पर है. मैं इसके 45 साल में कम या उच्च होने का दावा नहीं करता.'
उन्होंने विवरण देते हुए कहा, 'बात यह है कि यह मैट्रिक्स भिन्न है. साल 2017-18 के बाद से आपको नियमित रूप से यह अनुमान प्राप्त होगा और इस (श्रमबल सर्वेक्षण) को आप बेस इयर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. जब हम आकलन के तौर-तरीकों में बदलाव करते हैं तो पुराने अनुमान के साथ उसकी तुलना में दिक्कत होती है क्योंकि उस साल में पूर्व के पैमाने के आधार पर आंकड़ों से तुलना का कोई जरिया नहीं बचता है.' सरकार की ओर से यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया गया है, जब नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए मंत्रियों ने पदभार संभाला.
जीडीपी दर के आंकड़े भी हुए जारी
इसके अलावा जीडीपी दर के भी आंकड़े जारी किए गए हैं. 2018-19 के दौरान जीडीपी विकास दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 की चारों तिमाही के दौरान जीडीपी विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है. अप्रैल जून 2018 में 8.0 फ़ीसदी, जुलाई-सितम्बर 2018 में 7.0 फीसदी, अक्टूबर-दिसम्बर 2018 में 6.6 फ़ीसदी, जनवरी-मार्च 2019 में 5.8 फ़ीसदी और 2017-18 में जीडीपी विकास दर 7.2 फीसदी रही थी. सांख्यिकी मंत्रालय ने जानकारी दी है कि खेती, विनिर्माण और संचार क्षेत्र में चौथी तिमाही में विकास की गति धीमी रही है.