विनिवेश के मोर्चे पर सरकार के लिए हालिया कुछ साल ठीक नहीं रहे हैं और चालू वित्त वर्ष के दौरान सूरत में सुधार होने की गुंजाइश कम ही लग रही है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार आईडीबीआई बैंक के प्रस्तावित विनिवेश को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है. अगर ऐसा होता है तो चालू वित्त वर्ष में भी सरकार विनिवेश के अपने तय लक्ष्य से ठीक-ठाक दूर रह जाएगी.


विनिवेश की कतार में ये कंपनियां


सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 51 हजार करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट सेट किया है. इस वित्त वर्ष में विनिवेश की कतार में 6-7 सरकारी कंपनियां शामिल हैं. इस दौरान शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनएमडीसी स्टील, बीईएमएल, एचएलएल लाइफकेयर, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और वाइजैग स्टील जैसी कंपनियों का निजीकरण किया जा सकता है. इनके अलावा सरकार चालू वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक की अपनी हिस्सेदारी को भी बेचना चाह रही थी.


पहले थी सरकार की ऐसी योजना


मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी की संभावित बिक्री को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है. पहले सरकार की योजना थी कि दिसंबर तक आईडीबीआई बैंक के लिए फाइनेंशियल बिड इश्यू किए जाएं और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक आईडीबीआई बैंक की अपनी हिस्सेदारी बेच दे. इसके लिए जुलाई में प्रक्रिया की शुरुआत भी हो गई थी.


सरकार डिविडेंड से लगी है उम्मीद


केंद्र सरकार को आईडीबीआई बैंक की अपनी हिस्सेदारी को बेचकर 15 हजार करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. अब चूंकि यह योजना अगले वित्त वर्ष के लिए टाली जा रही है, ऐसे में चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार के लिए विनिवेश से 51 हजार करोड़ रुपये जुटा पाना मुश्किल होगा. हालांकि सरकार को इस बात की उम्मीद है कि रिजर्व बैंक व अन्य बैंकों से पहले से ज्यादा लाभांश मिलेगा, जिससे विनिवेश के मोर्चे पर कमी के असर को कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा.


लगातार टारगेट से रह जा रही दूर


केंद्र सरकार ने आखिरी बार वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश के लक्ष्य को हासिल करने में सफलता प्राप्त की थी. तब केंद्र सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य तय किया था, जबकि उस साल सरकार 84,972 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही थी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने विनिवेश से 50 हजार करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट सेट किया था, लेकिन 35,294 करोड़ रुपये ही जुटा पाई थी.


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