ऑनलाइन गेम (Online Game) खेलने के शौकीनों को सरकार ने हाल ही में तगड़ा झटका दिया है. नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने ऑनलाइन गेम पर 28 फीसदी की दर से टैक्स वसूलने का निर्णय लिया है. इससे ऑनलाइन गेम के शौकीनों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, जबकि सरकार को मोटी कमाई होने वाली है.
अभी इतनी हो रही कमाई
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के हवाले से कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगने पर सरकार को करीब 20 हजार करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि अभी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 2-3 फीसदी की दर से टैक्स् दे रही है, जो सबसे निचले स्लैब 5 फीसदी से भी कम है. इसके बाद भी सरकार को 1,700 करोड़ रुपये की रेवेन्यू मिली है. ऐसे में अगर टैक्स की दर बढ़कर 28 फीसदी होती है, तो कुल राजस्व संग्रह भी कई गुणा बढ़ना तय है.
इस बैठक में हुआ ये अहम फैसला
जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने मंगलवार को अपनी 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेम, कसीनो और हॉर्स-रेसिंग यानी घुड़-दौड़ पर टैक्स को लेकर फैसला लिया. अब ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स-रेसिंग पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी GST लगेगा. यह टैक्स दांव (Bet) पर लगाई जानी वाली पूरी रकम पर लगेगा. इसी तरह, कसीनो के मामले में खरीदे गए चिप की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. यह टैक्स ऑनलाइन गेम खिलाने वाली कंपनियों को भरना होगा. हालांकि ऐसे मामलों में कंपनियां टैक्स ग्राहकों से ही वसूल करती हैं.
हारे या जीते, देना होगा टैक्स
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने स्पष्ट किया है कि 28 फीसदी की यह दर हर बार बेट यानी दांव लगाने पर लागू होगी. इसका हार-जीत से कोई लेना-देना नहीं है. इसका मतलब है कि आप हारे या जीते दोनों ही मामले में टैक्स भरना होगा. वहीं जीती गई रकम पर अलग से इनकम टैक्स का नियम लागू होगा.
अब गेम के प्रकार से नहीं पड़ेगा फर्क
इससे पहले ऑनलाइन गेम के प्रकार के हिसाब से टैक्स को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी. हालांकि अब साफ कर दिया गया है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को टैक्स लगाते हुए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि यह कौशल आधारित खेल (Game of Skills) है या संयोग आधारित खेल (Game of Chance) है. दोनों तरह के खेलों पर 28 फीसदी जीएसटी ही लगेगा.
ये भी पढ़ें: टैक्सपेयर ध्यान दें, अगर आईटीआर में नहीं बताई ये बातें तो लग सकता है 10 लाख का जुर्माना