आर्थिक मामलों से जुड़ी गड़बड़ी करना आने वाले दिनों में बहुत महंगा साबित होने वाला है. अगर किसी ने एक बार ऐसा अपराध कर दिया तो उसकी पहचान के साथ जीवन भर के लिए उसका दाग लग जाएगा. सरकार इसके लिए नया कानून बनाने की तैयारी में है.


अपराधियों को मिलेगा खास कोड


अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार आर्थिक अपराध और आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए नई व्यवस्था लाने की तैयारी में है. इसके तहत जिन कंपनियों या लोगों के ऊपर आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगेगा, उन्हें एक खास कोड दिया जाएगा, जो उनके पैन और आधार के साथ लिंक हो जाएगा.


जल्द शुरू होगी नई व्यवस्था


खबर में इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आर्थिक अपराधियों को मिलने वाला कोड अल्फा-नुमेरिक हो सकता है. यानी खास कोड में अंग्रेजी के अक्षर और अंक हो सकते हैं. जैसे ही कोई पुलिस यूनिट या केंद्रीय जांच एजेंसी आरोपी से जुड़े डेटा को नेशनल इकोनॉमिक ऑफेंस रिकॉर्ड में डालेगी, ये कोड खुद ही सिस्टम से जेनरेट हो जाएंगे. नेशनल इकोनॉमिक ऑफेंस रिकॉर्ड के काम शुरू करते ही इस नई व्यवस्था को भी शुरू करने की योजना है.


चुटकियों में खुल जाएगी पूरी कुंडली


सरकार आर्थिक अपराधियों को दिए जाने वाले कोड का नाम ‘यूनिक इकोनॉमिक ऑफेंडर कोड (Unique Economic Offender Code)’ नाम देने वाली है. रिपोर्ट के अनुसार, अगर आर्थिक अपराध करने वाला कोई व्यक्ति हुआ तो यह कोड उसके आधार के साथ चस्पा हो जाएगा और कंपनियों के मामले में पैन के साथ लिंक हो जाएगा. उसके बाद जब भी संबंधित व्यक्ति या कंपनी कोई काम करना चाहेंगी, उनका आधार या पैन सामने आते ही उनके आर्थिक अपराधों की कुंडली भी सामने आ जाएगी.


आसान हो जाएगा इनका काम


ऐसा माना जा रहा है कि यह व्यवस्था न सिर्फ आर्थिक अपराध के मामलों को कम करेगी, बल्कि इस तरह के मामलों में जांच एजेंसियों का काम भी आसान कर देगी. मौजूदा व्यवस्था में अगर कोई दूसरी एजेंसी भी संबंधित मामले में कार्रवाई करना चाहती है, तो उसे पहली एजेंसी के द्वारा आरोपपत्र दायर करने का या जानकारियां साझा करने का इंतजार करना पड़ता है. नई व्यवस्था इस देरी को दूर कर देगी.


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