नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने मंगलवार को नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और पब्लिक प्रॉवेडिंट फंड समेत स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरें घटा दी हैं. साल 2021-21 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के लिये स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर 1.4 फीसदी तक ब्याज दरें घटा दी गई हैं. बैंक डिपॉजिट रेट्स में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है.


स्मॉल सेविंग स्कीम्स में ब्याज तिमाही आधार पर बदला जाता है और सरकार इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करती है. वित्त मंत्री ने एक नोटिफिकेशन में कहा, ‘विभिन्न स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिये संशोधित किया गया है.’


5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज
पांच साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज में 1.4 फीसदी की कमी की गयी है. इस कटौती के बाद नई दर 5.8 फीसदी होगी.


पीपीएफ और एनएससी पर ब्याज
लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) पर ब्याज दरों में क्रमश: 0.8 फीसदी और 1.1 फीसदी की कटौती की गयी है. इस कटौती के बाद 2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 फीसदी होगा जबकि एनएससी पर यह 6.8 फीसदी होगा.


किसान विकास पत्र पर ब्याज
किसान विकास पत्र पर पर अब 6.9 फीसदी ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.6 फीसदी था. नये ब्याज पर मैच्योरिटी पीरियड 124 महीने हो गया है जो पहले 113 महीने था.


सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम
पांच साल के सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज 1.2 फीसदी कम कर 7.4 फीसदी कर दिया गया है जो अबतक 8.6 फीसदी थी. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर भी ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है.


सेविंग अकाउंट पर ब्याज 4 फीसदी पर बरकरार
हालांकि सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.


सुकन्या समृद्धि स्कीम पर ब्याज
नोटिफिकेशन के मुताबिक सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 7.6 फीसदी होगा जो अबतक 8.4 फीसदी था.


1-3 साल के टर्म डिपॉजिट पर ब्याज
इस कटौती के बाद एक से तीन साल की मियादी जमा राशि पर ब्याज अब 5.5 फीसदी मिलेगा जो अबतक 6.9 फीसदी था. यानी इस पर ब्याज में 1.4 फीसदी की कटौती की गयी है. इन टर्म डिपॉजिट पर ब्याज तिमाही आधार पर दी जाती है. पांच साल के टर्म डिपॉजिट पर ब्याज कम कर 6.7 फीसदी किया गया है जो अबतक 7.7 फीसदी थी. इन डिपॉजिट पर ब्याज हर तिमाही दिया जाता है.


पिछले महीने आर्थिक मामलों के सचित अतनु चक्रवर्ती ने संकेत दिया था कि बाजार दर के मुताबिक अगली तिमाही के लिये स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज कम की जा सकती है ताकि क्रेडिट पॉलिसी रेट का तेजी से फायदा ग्राहकों को मिल सके. क्योंकि बैंक इस बात की शिकयात कर रहे थे स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ज्यादा ब्याज दरों से वे डिपॉजिट रेट्स पर ब्याज कम नहीं कर पा रहे हैं.


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