नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सरकार की योजना देशभर में 20 लाख ‘सुरक्षा स्टोर’ बनाए जाने की है. इस योजना को लागू करने के लिए सरकार निजी कंपनियों को शामिल करेगी. यह कंपनियां हर तरह के प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करेंगी. साथ ही अनिवार्य वस्तुओं के विनिर्माता के यहां से सामान लेकर खुदरा दुकानों तक उनकी पहुंच को भी सुनिश्चित करेंगी.


कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसफर को रोकने के लिए लोगों और माल की आवाजाही पर 14 अप्रैल तक सार्वजनिक पाबंदी (लॉकडाउन) लगायी गई है और इसके आगे बढ़ने की संभावना है.


किराना स्टोरों को 'सुरक्षा स्टोर' में बदला जाएगा-सैनिटाइज भी होंगे
इसकी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सरकार की योजना मोहल्लों के किराना स्टोर को चिन्हित करके उन्हें ‘सुरक्षा स्टोर’ में तब्दील करने की है. यह स्टोर दैनिक वस्तुओं की आपूर्ति करेंगे. इन दुकानों पर साफ-सफाई और सामुदायिक दूरी से जुड़ी हर तरह की एहतियात बरती जाएगी. इन दुकानों को सैनिटाइज भी किया जाएगा.


सूत्र ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल के साथ रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली शीर्ष कंपनियां एक दौर की बैठक कर चुकी हैं. यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ लागू की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है.


45 दिन में 20 लाख स्टोर तैयार करने की योजना
सूत्रों ने बताया कि सरकार का लक्ष्य अगले 45 दिन में ऐसे 20 लाख स्टोर बनाने है. प्रत्येक एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एक या दो राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है. संपर्क करने पर अग्रवाल ने कहा कि सरकार ‘सुरक्षा स्टोर’ पर काम कर रही है. लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी है.


किसी किराना दुकान को ‘सुरक्षा स्टोर’ के दायरे में आने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा. इसमें दुकान और बिलिंग काउंटर पर लोगों के बीच डेढ़ मीटर का अंतर रखने के ‘सोशन डिस्ट्रेंसिंग’ नियम का पालन भी अनिवार्य है. इसके अलावा दुकानदारों को ग्राहकों के दुकान में घुसने से पहले हैंड सैनेटाइजर या हाथ धोने की व्यवस्था करना. सभी स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य करने और सबसे ज्यादा छूने में आने वाले स्थानों को दिन में दो बार कीटाणुमुक्त बनाने का प्रावधान भी करना होगा.


सुरक्षा स्टोर में सिर्फ किराना दुकानों को ही नहीं बल्कि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की दुकानों, कपड़ों और सैलून को भी शामिल करने की योजना है. एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सुरक्षा स्टोर और सुरक्षा चक्र बनाने की योजना पर काम कर रही है. 50 से ज्यादा प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों से इसके लिए संपर्क किया गया है. हम सरकार के साथ हैं और अपनी मंजूरी दे चुके हैं.’’ एफएमसीजी कंपनियों से इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण और सुरक्षा किट देने के लिए भी कहा जाएगा ताकि दुकानों को सुरक्षा स्टोर में बदला जा सके.


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