Ola Uber: उपभोक्ता मामलों (Consumer Affairs) के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सरकार (Government) ने कैब एग्रीगेटर्स की बैठक बुलाई है. इस बैठक में कैब एग्रीगेटर्स से किराये की नीतियों, ज्यादा किराया, यात्रा रद्द करने और ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के मामले में और एक ही जगह के लिए दो लोगों से अलग-अलग किराया लेने आदि को लेकर चर्चा की जाएगी
हर कोने में परेशानियां
देश के लगभग हर राज्य में ओला और उबर कपनियां अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों की सेवा लेने वाले कई ग्राहकों ने इसकी सर्विस को लेकर परेशानियों की बात कही है.
इसको लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इन कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाने का फैसला किया है. इसी क्रम में सरकार ने मंगलवार यानी 10 मई को कैब एग्रीगेटर्स जैसे ओला उबर, मेरु, रैपिडो आदि के अधिकारियों को तलब किया है.
देशभर से सोशल मीडिया पर ग्राहकों की तरफ से ये लगातार शिकायतें आती रहती हैं कि ये कंपनियों नियमों को ताक पर रखती हैं. दरअसल, जब भी ओला या उबर के चालक तय जगह पर जाने से इनकार करते हैं तो ये ग्राहक को बुकिंग रद्द करने और साथ ही उसका जुर्माना भी भरने के लिए बाध्य करते हैं.
सरकार ने मांगी जानकारी
रोहित सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा है कि हमने ओला और उबर से सभी मामलों की जानकारी मांगी है. साथ ही इन कैब कंपनियों से यह भी पूछा गया है कि एक ही जगह पर जाने के लिए यात्रियों से अलग-अलग किराया क्यों लिया जाता है. मंत्रालय इन कंपनियों से ग्राहकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी मांगेगा.
शिकायतों की फहेरिस्त
पिछले हफ्ते कें द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा था कि उबर और ओला जैसी कैब सेवा कंपनियों से ग्राहक नाखुश हैं. इनमें प्रमुख तौर पर किराया बढ़ाने और बुकिंग को रद्द करने जैसे मामले हैं. कई मामलों में ऐसा देखा गया है ये कंपनियां नए ग्राहकों से कम किराया वसूलती हैं, जबकि पुराने ग्राहकों से ज्यादा किराया लिए जाने की भी बातें सामने आई हैं.
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