देश में राजमार्गों के निर्माण को नई गति मिल सकती है. इसके लिए सरकार नई योजना पर काम कर रही है. खबरों की मानें तो सरकार देश में राजमार्गों के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ रुपये की एक नई योजना पर काम कर रही है, जो भारतमाला कार्यक्रम के दूसरे चरण की जगह ले सकती है. बताया जा रहा है कि यह योजना अगले 20 सालों के लिए होगी.


50 हजार किलोमीटर नए राजमार्ग


मिंट की एक रिपोर्ट में सरकार से जुड़े दो सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार की नई रणनीति विजन 2047 योजना के करीब है. विजन 2047 योजना के तहत सरकार 50 हजार किलोमीटर राजमार्ग बनाना चाहती है, जिसमें करीब 30 से 35 हजार किलोमीटर फेंस्ड-ऑफ एक्सप्रेसवे शामिल होंगे. इस पर 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा.


6 साल पहले हुई थी शुरुआत


इससे पहले सरकार ने देश में राजमार्ग परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए 2017 में भारतमाला स्कीम की शुरुआत की थी. भारतमाला योजना के पहले चरण में 34,800 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण शामिल था. पहले चरण में कई मौजूदा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को आपस में जोड़कर विभिन्न इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को बेहतर कनेक्टिविटी मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया गया था.


ऐसी थी दूसरे चरण की योजना


इस साल भारतमाला योजना के दूसरे चरण को मंजूरी मिलने की उम्मीद थी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने त्वरित मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखे जाने के लिए नोट भी तैयार कर लिया था. भारतमाला योजना के दूसरे चरण में करीब 5000 किलोमीटर फेंस्ड-ऑफ हाईवे का कंस्ट्रक्शन शामिल था, जिसकी लागत 3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान था.


अब इस प्रस्ताव पर चल रहा काम


अब मंत्रालय भारतमाला स्टेज-2 को वापस लेने और उसकी जगह पर विजन 2047 के अनुरूप नई योजना पेश करने पर विचार कर रहा है. इसके लिए नए रोड अलाइनमेंट की पहचान की जा रही है और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के पूरा होने पर डीपीआर तैयार की जा रही हैं. सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय नई योजना को जल्दी ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश कर सकता है. हालांकि नई प्रस्तावित योजना के बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है.


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