अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg Adani Report) से लेकर प्रमुख विपक्षी नेता राहुल गांधी तक को भले ही अडानी समूह में तमाम गड़बड़ियां नजर आ रही हों, लेकिन अभी भी कई ऐसे बड़े इन्वेस्टर्स को अडानी की कंपनियों पर बहुत भरोसा है. अडानी समूह के शेयरों में हाल ही में मोटा पैसा लगाने वाली कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) के राजीव जैन (NRI Investor Rajiv Jain) इन्हीं इन्वेस्टर्स में से एक हैं. जैन को भरोसा है कि अडानी समूह के शेयर मल्टीबैगर साबित होने वाले हैं और वे 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं.
इन कारणों से जैन को अडानी पर यकीन
राजीव जैन ने यह भरोसा ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अडानी समूह के शेयर अगले पांच साल में मल्टीबैगर साबित हो सकते हैं. इसी भरोसे के दम पर उन्होंने अडानी समूह के शेयरों में हाल ही में करीब 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. जैन ने कहा कि अडानी के शेयरों की वैल्यू उसके एसेट्स में है. भारत को अपनी बुनियादी संरचना बेहतर बनाने और विनिर्माताओं को चीन से आकर्षित करने के लिए अडानी जैसे कारोबारियों की जरूरत है. अडानी समूह की कई परियोजनाएं भारत के विकास के लक्ष्यों के लिए अहम हैं और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं.
अडानी पर जीक्यूजी को खूब भरोसा
आपको बता दें कि जीक्यूजी पार्टनर्स ने हाल ही में अडानी समूह के 04 शेयरों अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में 15,446 करोड़ रुपये लगाए थे. यह अडानी समूह के शेयरों में अब तक के सबसे बड़े निवेश में से एक है. जैन ने इससे पहले एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि उनकी कंपनी अडानी के शेयरों में निवेश बढ़ा सकती है.
अडानी को हुआ था भारी नुकसान
24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. समूह को उसके बाद लगातार आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद करीब एक महीने के भीतर अडानी समूह की कंपनियों को बाजार पूंजीकरण में 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था. गौतम अडानी भी इसके चलते सबसे अमीर लोगों की सूची में टॉप30 से बाहर हो गए थे, जबकि एक समय वह भारत समेत एशिया के सबसे अमीर और दुनिया के तीन सबसे अमीर लोगों में शामिल हो चुके थे.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर की ये टिप्पणी
हालांकि इसके बाद भी अडानी के शेयरों पर राजीव जैन को काफी भरोसा है. जैन ने अडानी की कंपनियों में 2 बिलियन डॉलर का निवेश तब किया, जब हर कोई अडानी के शेयरों से दूर भाग रहा था. जैन ने इस बारे में कहा था कि विवादित रिपोर्ट आने से उनकी कंपनी को सस्ते में बढ़िया इन्वेस्टमेंट करने का मौका मिल गया, जिसका लंबे समय से इंतजार चल रहा था. ताजा इंटरव्यू में तो जैन ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 10 साल पुराने अखबार सरीखा करार दिया.
2 महीने का सबसे बुरा सप्ताह
जैन का यह इंटरव्यू भारतीय बाजार के बंद होने के बाद सामने आया. आज का दिन अडानी समूह के शेयरों (Adani Group Stocks) के लिए ठीक नहीं रहा, जबकि यह सप्ताह भी काफी बुरा साबित हुआ. जनवरी के आखिर में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद करीब एक महीने तक अडानी समूह के शेयरों में लगातार गिरावट देखी गई थी. हालांकि फरवरी के आखिरी सप्ताह से अडानी समूह के शेयर रिकवरी की राह पर लौट आए थे. उसके बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सप्ताह के दौरान अडानी समूह के शेयरों को ज्यादातर सत्रों में नुकसान उठाना पड़ा हो. इसका मतलब हुआ कि यह सप्ताह करीब दो महीने के बाद अडानी समूह के लिए सबसे खराब साबित हुआ है.
ये भी पढ़ें: अडानी एंटरप्राइजेज में 2% से ज्यादा गिरावट, बिखर गए समूह के लगभग सारे शेयर