पिछले साल अडानी समूह के शेयरों में प्रतिकूल समय में मोटा इन्वेस्ट कर सुर्खियां बटोरने वाले राजीव जैन अब भारतीय बाजार में जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं. जीक्यूजी पार्टनर्स और राजीव जैन अक्स चर्चा में बने रहते हैं. हाल ही में उनकी चर्चा खनन कंपनी वेदांता में शेयर खरीदने की संभावना को लेकर हो रही थी. हालांकि अब राजीव जैन ने खुद ही ऐसी किसी डील का खंडन कर दिया है.


राजीव जैन से साफ किया कि वेदांता के शेयरों को लेकर हुई हालिया ब्लॉक डील में उनकी कंपनी का कोई रोल नहीं है. साथ ही उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि भारत में हो रही हर ब्लॉक डील में लोग अब उनकी फर्म यानी जीक्यूजी पार्टनर्स का नाम लेने लगे हैं. जैन बुधवार को एक भारतीय न्यूज चैनल से बात कर रहे थे. उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं.


अडानी को दिया था जरूरी सपोर्ट


इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स पिछले साल इसी समय लाइमलाइट में आई थी. दरअसल पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को चौतरफा बिकवाली का सामना करना पड़ रहा था. जब हर कोई अडानी के शेयरों को बेचकर निकल रहा था, जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी समूह के शेयरों में करीब 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था. अडानी समूह को निवेशकों का भरोसा फिर से बहाल करने में जीक्यूजी पार्टनर्स के निवेश से काफी मदद मिली थी.


वेदांता के शेयरों की हुई ब्लॉक डील


वेदांता की बात करें तो माइनिंग और मेटल की दिग्गज कंपनी ने हाल ही में एक ब्लॉक डील के जरिए शेयरों की बिक्री की है. ब्लॉक डील में वेदांता के 9.4 करोड़ शेयर बेचे गए हैं, जो वेदांता की टोटल इक्विटी के करीब 2.6 फीसदी के बराबर हैं. वेदांता को इस ब्लॉक डील से 2,600 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं. ब्लॉक डील के बाद कहा जा रहा था कि जीक्यूजी पार्टनर्स ने भी वेदांता के शेयर लिए हैं. हालांकि अब उन्होंने खंडन कर दिया है.


आ रही थीं इस तरह की खबरें


ब्लॉक डील से पहले ईटी नाउ की एक रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि वेदांता और जीक्यूजी पार्टनर्स के बीच ब्लॉक डील को लेकर बातचीत चल रही है. रिपोर्ट में कहा गया था कि जीक्यूजी पार्टनर्स माइनिंग कंपनी में 1 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकती है और सौदा शेयर बाजार पर ब्लॉक डील के जरिए हो सकता है.


कर्ज संकट में फंसी है वेदांता


वेदांता अभी कर्ज संकट का सामना कर रही है. कंपनी सक्रियता से कर्ज के बोझ को कम करने में लगी हुई है. इसके लिए वेदांता और समूह की कंपनियों ने फंड जुटाने के विभिन्न उपायों पर अमल किया है. दिसंबर अंत तक के आंकड़ों के अनुसार, वेदांता के ऊपर कुल 62,493 करोड़ रुपये (7.5 बिलियन डॉलर) का नेट डेट था. वेदांता लिमिटेड भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है, जिसकी प्रमोटर लंदन बेस्ड वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड है. वेदांता लिमिटेड में अभी प्रमोटर की हिस्सेदारी (समूह से जुड़े अन्य निकायों की हिस्सेदारी समेत) 63.71 फीसदी है.


ये भी पढ़ें: सामने आ गया अपडेट! इस दिन आपके अकाउंट में आएगा पीएम-किसान की अगली किस्त का पैसा