Gratuity Rules: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान लिया ये सुझाव तो रिटायरमेंट पर मिलेगी बंपर ग्रेच्युटी! जानें कैसे
Union Budget 2025: सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री से ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के नियमों की समीक्षा करने की मांग की है जिससे कर्मचारियों को ज्यादा ग्रेच्युटी मिल सके.
Gratuity Calculation Formula In India: एक फरवरी 2025 को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिल सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) ने ट्रेड यूनियनों के सुझावों को मान लिया तो हो सकता है आपको रिटायरमेंट या 5 सालों तक लगातार काम करने के बाद कंपनी से इस्तीफा देने पर ज्यादा ग्रेच्युटी मिले. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्री-बजट मीटिंग में सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के नियमों (Gratuity Calculation Rules) की समीक्षा करते हुए इसमें बदलाव करने की मांग की है जिससे वर्कर्स और एम्पलॉयज को रिटायरमेंट पर ज्यादा ग्रेच्युटी मिल सके.
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में होगा बदलाव
सेंट्रल ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) ने एक फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट को लेकर वित्त मंत्री को जो अपनी मांगे सौंपी है उसमें ये मांग की गई है सरकार ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के नियमों की समीक्षा करे. इन संगठनों ने वित्त मंत्री से ग्रेच्युटी पेमेंट के कैलकुलेशन के लिए साल के 15 दिनों के वेतन की जगह इसे बढ़ाकर एक महीने के वेतन करने की मांग की है जिससे रिटायरमेंट पर वर्कर्स और एम्पलॉयज को ज्यादा ग्रेच्युटी मिल सके. इतना ही नहीं सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री से ग्रेच्युटी भुगतान की 20 लाख रुपये की फिक्स्ड लिमिट को भी हटाने की मांग की है. मौजूदा नियमों के तहत ग्रेच्युटी पेमेंट की अधिकतम लिमिट 20 लाख रुपये है और इस रकम पर कोई इनकम टैक्स (Income Tax) भी नहीं देना होता है यानी ये रकम पूरी तरह से टैक्स-फ्री है.
क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी (Gratuity) उस रकम को कहते हैं जो एम्पलॉयज को उसके द्वारा अपने एम्पलॉयर को दी गई सर्विसेज के एवज में सम्मान के तौर दी जाती है. ये एम्पलॉय को अपने संगठन में लंबे समय तक दी गई सेवाओं के बदले में उसके रिटायरमेंट या एक अवधि यानी 5 वर्षों के बाद कंपनी छोड़ने पर दी जाती है. ग्रेच्युटी किसी भी एम्पलॉय के ग्रास सैलेरी का कॉप्पोनेंट है लेकिन इसे नियमित तौर पर नहीं दिया जाता है. बल्कि कर्मचारी के कंपनी छोड़ने पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है.
कैसे कैलकुलेट होता है ग्रेच्युटी!
ग्रेच्युटी एम्पलॉय या वर्कर्स के सैलेरी के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है और कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक हर एम्पलॉय के लिए अलग-अलग ये तय होता है. ग्रेच्युटी पाने के लिए किसी भी कंपनी में कम से कम 5 साल तक लगातार सेवा देना जरूरी है. हालांकि कमर्चारी के मृत्यु होने या विकलांग होने पर ये नियम लागू नहीं होता है. 5 साल की अवधि के लिए ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने के लिए साल में 240 दिनों को वर्किंग दिन के तौर पर गिना जाता है. ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला इस प्रकार है.
(15 x आखिरी महीने की सैलेरी x सर्विस के कुल वर्षों की संख्या) / 26
इसमें 15 दिनों के वेतन के आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान दिया जाता है. आखिरी महीने के वेतन में बेसिक सैलेरी (Basic Salary) के साथ महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) शामिल है. और 26 यानी महीने के 30 दिन जिसमें चार रविवार को शामिल नहीं किया जाता है.
कब दिया जाता है ग्रेच्युटी!
- किसी भी कर्मचारी के सर्विस से रिटायरमेंट होने पर
- सेवानिवृत्ति के लिए पात्रता होने पर
- 5 सालों तक लगातार एक ही कंपनी को अपनी सेवाएं देने के बाद इस्तीफा देने पर
- किसी कर्मचारी के निधन होने पर या बीमारी या एक्सीडेंट के चलते विकलांग होने पर
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