सीजनल और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी मिलेगी ग्रेच्युटी? सरकार कर रही है तैयारी
सीजनल वर्कर को हर सीजन में सात दिन के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी दी जा सकती है. वहीं कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए हर पंद्रह दिन का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है.
सरकार ग्रेच्युटी स्कीम का दायरा और बढ़ा सकती है. इसके तहत अब कॉन्ट्रैक्ट वर्कर, गिग वर्कर, सीजनल वर्कर और फिक्स्ड टर्म पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी लाया जा सकता है. ग्रेच्युटी के लिए पांच साल के बजाय सिर्फ तीन साल की सर्विस का रूल भी लागू किया जा सकता है. सीजनल वर्कर को हर सीजन में सात दिन के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी दी जा सकती है. वहीं कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए हर पंद्रह दिन का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है. सरकार इस संबंध में विस्तृत योजना बनाने में लगी है.हालांकि इस संबंध में अभी कोई पक्का फैसला नहीं हुआ है.
संगठित क्षेत्र में पांच साल की नौकरी के बाद मिलती है ग्रेच्युटी
मौजूदा नियमों के मुताबिक संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों का पांच साल की नौकरी के बाद ग्रेच्युटी मिलती है. इसमें हर सर्विस इयर के लिए आधे महीने का वेतन ग्रेच्युटी के तौर पर देने का प्रावधान है. सरकार सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत गिग वर्कर्स को भी लाएगी. सरकार ओला-उबर जैसी टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियों और जोमाटो जैसी फूड सर्विस कंपनियों में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए पेंशन और मेडिकल सुविधा बहाल कर सकती है. इससे जोमाटो, स्विगी के डिलीवरी स्टार्टअप और अमेजन, फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स में काम करने वाले लाखों अस्थायी कर्मचारियों को फायदा हो सकता है.
गिग वर्कर्स को मिल सकता है सोशल सिक्योरिटी स्कीम का फायदा
स्टार्ट-अप या दूसरी कंपनियों के साथ अस्थायी तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों को गिग वर्कर कहते हैं. देश में कोरोनावायरस संक्रमण से अर्थव्यवस्था को लगे झटके और कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से बड़ी तादाद में गिग वर्कर्स का रोजगार छिना है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ के तहत ईपीएफ, ईपीएस, ईएसआई और आयुष्मान जैसे मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जाती है.लिहाजा गिग वर्कर्स के लिए अलग से कोई स्कीम लाने की जरूरत नहीं हैं. उन्हें इन स्कीम के तहत ये सुविधाएं दी जाती हैं. जरूरत पड़ी तो गिग वर्कर्स के लिए खास फंड भी बनाया जा सकता है. यह डेडिकेटेड गिग वर्कर फंड मौजूदा सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत बनाया जा सकता है.
Apple के सीईओ टिम कुक की संपत्ति पहली बार 1 अरब डॉलर के पार, जानें कैसे हासिल किया ये मुकाम