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लोकसभा में जीएसटी बिल पास हुआः प्रधानमंत्री मोदी ने दी देश को बधाई
नई दिल्लीः जीएसटी से जुड़े चार विधेयक पर लोकसभा की मुहर लग गई है यानी जीएसटी के 1 जुलाई से लागू होने की सबसे बड़ी अचड़न खत्म हो गई है. आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी आज ट्वीट कर लोकसभा में जीएसटी के पास होने की बधाई दी है.
पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी जीएसटी लागू करने के लिए लोकसभा ने चार अहम विधेयक म॔जूर किए हैः. इन विधेयकों में – सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (CGST), इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (IGST), यूनियन टेरीटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (UT GST) और गुड्स एंड सर्विसैज टैक्स (कम्पनशेषण टू स्टेट्स) बिल- शामिल हैं. सरकार ने पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने की लक्ष्य रखा है. जीएसटी लागू होने की सूरत में केंद्र और राज्य स्तर के कई कर के साथ सेस और सरचार्ज मिलकर एक हो जाएंगे. मसलन, केंद्र की ओर से लगने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क और सेवा कर मिलकर एक हो जाएंगे, वहीं राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, विलासिता कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायो को छोड़), और चूंगी मिलकर एक हो जाएंगे. नयी व्यवस्था लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि एक सामान पर पूरे देश में एक ही कर होगा. अभी अलग-अलग सामान के लिए कर की दर तय नहीं की गयी है, लेकिन ये जरुर तय हो गया है कि 5, 12,18 और 28 फीसदी की दर से अलग-अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा. विलासिता के सामान और तंबाकू वगैरह पर अलग से सेस भी लगेगा. सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (CGST) जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार किस तरह से कर वसूल सकती है, उसकी व्याख्या इस विधेयक में की गयी है. यहां ये साफ कर दिया गया है कि शराब को छोड़ सभी सामान और सेवाओं पर कर लगेगा. कर की दर ज्यादा से ज्यादा 40 फीसदी (20 फीसदी केंद्र+ 20 फीसदी राज्य) हो सकती है. ई कॉमर्स कंपनियो की जिम्मेदारी भी तय की गयी है कि सामान मुहैया कराने वालों को किए गए भुगतान पर एक फीसदी की दर से टैक्स काटे. विधेयक का एक महत्वपूर्ण प्रावधान गैर-वाजिब तरीके से कमाए मुनाफे पर लगाम लगाने से जुड़ा है. इस तरह के प्रावधान का मतलब ये है कि जीएसटी लागू होने की सूरत में अगर किसी सामान पर कर की दर मौजूदा दर से कम हो जाती है तो ऐसी सूरत में सामान बनाने वाली कंपनियां अधिकत्तम खुदरा मूल्य यानी एमएमपी पहले की ही तरह रखकर अपनी जेब नही भर सकती. टैक्स घटने का फायदा उसे ग्राहकों तक पहुंचना होगा. इस तरह के प्रावधान मलय़ेशिया में लागू किए गए हैं. इस बिल के दायरे में 29 राज्य और विधानसभा वाले दो केंद्र शासित प्रदेश – दिल्ली और पुड्डुचेरी शामिल किया गया है. इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (IGST) दो राज्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के व्यापार कर लगाने के मकसद से ये विधेयक लाया गया है. इसके साथ ही आयातित सामान पर भी कर लगान का अधिकार मिलेगा. यूनियन टेरिटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (UT GST) इस विधयेक के जरिए पांच केद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्क्षद्वीप, दादरा नगर हवेली, दमन-दियू और चंडीगढ़ में जीएसटी लागू करना मुमकिन हो सकेगा. चूंकि इन पांच केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा नहीं है, इसीलिए वहां किसी भी कानून को लागू करने के लिए विधायी कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी केंद्रीय संसद की है. गुड्स एंड सर्विसैज टैक्स (कम्पनशेषण टू स्टेट्स) बिल जीएसटी लागू होने की सूरत में कई राज्यों को ये आशंका थी कि उनकी आमदनी में कमी आएगी. इसीलिए वो चाहते थे कि केंद्र सरकार ऐसे किसी संभावित नुकसान के लिए हामी भरे. केंद्र सरकार इसके लिए राजी हो गयी और मुआवजे की व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए ही ये विधेयक लाया गया है. विधेयक के जरिए पांच साल तक नुकसान की पूरी राशि के बराबर मुआवजा देने का प्रावधान है. मुआवजे के आंकलन के लिए 2015-16 में हुई राज्यों की कमाई को आधार बनाया जाएगा. अब इन चार विधेयको के अलावा 29 राज्यों के साथ दिल्ली और पुड्डूचेरी की विधानसभाओं को स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) से जुड़ा विधेयक पारित करना है. उम्मीद है कि पूरी विधायी प्रक्रिया अगले एक से दो महीने में पूरी हो जाएगी जिसके बाद पहली जुलाई से जीएसटी लागू करना संभव हो सकेगा. इसके अलावा राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने भी कारोबारियों को आश्वस्त किया है कि जीएसटी लागू होने के 3 महीने पहले उन्हें सारे कानूनों और नियमों की जानकारी दे जाएगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा है कि संसद में जीएसटी से जुड़े सारे विधेयक पास होने के बाद अब कानून को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम लिया जाएगा.GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई | नया साल, नया कानून, नया भारत!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2017
With LS having approved all 4 laws that Centre is supposed to legislate through Parl, I think significant step forward has been taken: FM pic.twitter.com/pVNLQpLDv1 — ANI (@ANI_news) March 29, 2017
We promised business ppl, at least 3 months before implementation you will have complete clarity on law & rules: Revenue Secy H Adhia on GST pic.twitter.com/sgXrBHDOqN
— ANI (@ANI_news) March 29, 2017
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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