(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Domestic Demand: रिकॉर्ड हाई पर जीएसटी कलेक्शन, पर कई राज्यों में खपत की रफ्तार की हुई धीमी
GST Data: गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में खपत की रफ्तार धीमी हुई है जिसका असर इन राज्यों के एसजीएसटी कलेक्शन पर पड़ा है.
GST Collections: वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 9 महीने अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) 15 लाख करोड़ रुपये के करीब 14.97 लाख करोड़ रुपये रहा है. हर महीने औसतन जीएसटी कलेक्शन 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा है. जीएसटी खपत आधारित टैक्स सिस्टम ( Consumption Based Tax System) है जो देश में खपत में हो रही ग्रोथ को दर्शाता है. पर जीएसटी के भीतर एसजीएसटी (SGST) यानि राज्यों के द्वारा वसूली जाने वाली एसजीएसटी कलेक्शन से ये बताया जा सकता है कि राज्य खपत के मोर्चे पर कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं.
आईजीएसटी वसूली की रफ्तार धीमी
देश में सरकारी क्षेत्र की दिग्गज बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने राज्यों के आधार पर जीएसटी वसूली के डेटा का अध्ययन किया है. इस डेटा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 14.97 लाख करोड़ रुपये जीएसटी वसूली में आधे से भी ज्यादा 51.2 फीसदी हिस्सा आईजीएसटी (IGST) का रहा है. आईजीएसटी यानि इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स दो राज्यों के बीच गुड्स एंड सर्विसेज के ट्रांजैक्शन पर लगाया जाता है. एसजीएसटी की हिस्सेदारी 23.2 फीसदी रही है जबकि सीजीएसटी (CGST) की हिस्सेदारी केवल 18.5 फीसदी है. आईजीएसटी वसूली का ग्रोथ रेट केवल 8.5 फीसदी रहा है जो कि खपत में आ रही ग्रोथ को दर्शाता है. एसजीएसटी वसूली का ग्रोथ रेट 15.2 फीसदी, सीजीएसटी का ग्रोथ रेट 16.4 फीसदी रहा है. सेस की हिस्सेदारी केवल 7.2 फीसदी है लेकिन उसमें 12.7 फीसदी का ग्रोथ रेट देखने को मिल रहा है.
गुजरात - बंगाल में SGST कलेक्शन की रफ्तार धीमी
बैंक ऑफ बड़ौदा के रिपोर्ट के मुताबिक एसजीएसटी कलेक्शन के आधार पर राज्यों में खपत के पैटर्न मापने की कोशिश की जाए तो टॉप 10 राज्यों में तीन चौथाई जीएसटी कलेक्शन देखने को मिली है. 21.2 फीसदी के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर है. 9.3 फीसदी के साथ कर्नाटक दूसरे स्थान पर, 8.4 फीसदी के साथ गुजरात तीसरे, 8.2 फीसदी के साथ तमिलनाडु चौथे, जबकि यूपी 6.8 फीसदी के साथ पांचवें स्थान पर है. राज्यों की एसजीएसटी वसूली में 20 राज्यों की कुल कलेक्शन में हिस्सेदारी 96.8 फीसदी है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, हरियाणा, तेलगांना, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड ऐसे आठ राज्य हैं जिन्होंने कुल कलेक्शन राष्ट्रीय औसत से ज्यादा 15.2 फीसदी के ऊपर रहा है. गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और ओडिशा ऐसे राज्य हैं जहां एसजीएसटी कलेक्शन की रफ्तार धीमी हुई है. जिसमें गुजरात और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा कमी आई है. इससे पता लग रहा है कि कुछ राज्यों में खपत में कमी आई है.
राज्यों में खपत में ग्रोथ एकसमान नहीं
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में सभी राज्यों के खपत में आई ग्रोथ एकसमान नहीं है. ये आंकड़ा बताने के लिए काफी है कई सेक्टर्स में डिमांड में तेजी के बावजूद पूरे देश में खपत उस तेजी के साथ नहीं बढ़ रहा है. गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में खपत को रफ्तार पकड़ने से लेकर टैक्स कलेक्शन में तेजी आना अभी बाकी है. ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में एसजीएशटी कलेक्शन का ग्रोथ रेट 11 फीसदी से कम रहा है. इसके लिए कृषि जिम्मेदार है जो उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा है. इसका बड़ा खामियाजा इन राज्यों के ग्रामीण इलाकों को उठाना पड़ रहा है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि भले ही खपत इन राज्यों में ज्यादा ना हो लेकिन इसके बावजूद जीएसटी कलेक्शन में तेजी बनी रहेगी.
एकसमान नहीं बढ़ रहा देश में खपत
पिछले हफ्ते ही राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने राष्ट्रीय आय जीडीपी अनुमान का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक प्राइवेट फाइनल कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) मौजूदा वर्ष में 4.4 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान है जो कि 2002-03 के बाद सबसे धीमी रफ्तार है. ये बताने के लिए काफी है कि भले ही जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड हाई पर हो लेकिन खपत में तेजी पूरे देश में एकसमान नहीं है.