GST कलेक्शन एक बार फिर पहुंचा 1 लाख करोड़ रुपये के पार, टैक्स संग्रह में 6 फीसदी का इजाफा
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन एक बार फिर एक लाख करोड़ के पार पहुंच गया है. यह इस साल ऐसा तीसरा महीना है जब जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के पार कर गया है.
नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन के मसले पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर है. बीते 2 महीने के दौरान गिरावट दर्ज करने के बाद जीएसटी कलेक्शन में नवंबर में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 6 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, घरेलू लेनदेन पर जीएसटी कलेक्शन में पिछले साल नवंबर महीने की तुलना में इस नवंबर में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जो कि इस साल की सबसे अधिक बढ़ोतरी है.
आयात पर लगने वाले जीएसटी में अभी भी नेगेटिव ग्रोथ है. नवंबर 2019 में आयातित उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी में 13 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है. हालांकि, इससे पिछले महीने यानी के अक्टूबर 2018 के मुकाबले यह आंकड़ा थोड़ा बेहतर हुआ है. अक्टूबर 2018 में आयातित उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी में बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में 20 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
आंकड़ों पर एक नजर
नवंबर 2019 में जीएसटी कलेक्शन 103492 करोड रुपए का रहा है. इसमें से सीजीएसटी यानी केंद्रीय जीएसटी 19592 करोड रुपए रहा है. दूसरी तरफ राज्यों ने जो जीएसटी कलेक्शन किया है यानी एसजीएसटी वह नवंबर 2019 में 27144 करोड रुपए का रहा है. इस साल नवंबर महीने में आईजीएसटी 49028 करोड़ रुपए रहा है. इसके अलावा सेस के रूप में 7727 करोड़ों पर सरकार की झोली में आए हैं.
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आठवीं बार आंकड़ा एक लाख करोड़ के पार
देश में जुलाई 2017 में जीएसटी को लागू किया गया था. तब से लेकर अभी तक नवंबर 2019 का महीना ऐसा आठवां महीना रहा है जिसमें जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार गया है. इस साल नवंबर जीएसटी कलेक्शन के मामले में ऐसा तीसरा महीना रहा है जिसमें सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन सरकार के खाते में आया है. इससे पहले अप्रैल 2019 और मार्च 2019 में जीएसटी कलेक्शन नवंबर 2019 से ज्यादा था.
क्या रही वजह
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बीते 2 महीनों के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके अलावा त्योहारी मौसम के चलते ग्राहकों ने एक बार फिर से बाजार का रुख किया है. ग्राहकों के बाजार में लौटने के चलते ज्यादा बिक्री हुई है और इसी ज्यादा बिक्री के चलते केंद्र सरकार को ज्यादा जीएसटी की प्राप्ति हुई है.