कोरोना महामारी के चलते बेपटरी हुई देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ने लगी है. त्योहारी मांग और अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ने के चलते दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1 लाख 15 करोड़ रुपये हुआ. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ, जो त्योहारी मांग और अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाता है.


वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिसंबर 2020 में सकल जीएसटी राजस्व 1,15,174 करोड़ रुपये रहा, और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद किसी भी महीने के मुकाबले यह सबसे अधिक है. बयान में कहा गया, ‘‘यह पिछले 21 महीनों में सबसे अधिक मासिक राजस्व वृद्धि है. यह महामारी के बाद तेज आर्थिक सुधार और जीएसटी चोरी और फर्जी बिल के खिलाफ चलाए गए देशव्यापी अभियान, और व्यवस्थागत बदलावों के चलते संभव हुआ.’’


नवंबर से 31 दिसंबर तक कुल 87 लाख जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए. समीक्षाधीन महीने में आयातित वस्तुओं से राजस्व 27 प्रतिशत बढ़ा और घरेलू लेन-देन (आयात सेवाओं सहित) से राजस्व इससे पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले आठ प्रतिशत अधिक रहा.


जीएसटी राजस्व में सुधार के हालिया रुझानों के अनुरूप राजस्व संग्रह ने लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया. दिसंबर 2020 में कुल राजस्व संग्रह दिसंबर 2019 के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक था. दिसंबर में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 21,365 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी संग्रह 27,804 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 57,426 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 27,050 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 8,550 करोड़ रुपये (आयात पर एकत्र 971 करोड़ रुपये सहित) रहा.