GST 6th Anniversary: वन नेशन वन टैक्स यानि जीएसटी को लागू हुए छह साल पूरे हो जायेंगे. और जीएसटी ने देश के अप्रत्यक्ष कर सिस्टम का पूरा कायाकल्प कर दिया है. जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार का राजस्व बढ़ा है, तो टैक्स की चोरी रोकने में भी मदद मिली है और इसका असर पूरे इकोनॉमिक इकोसिस्टम पर पड़ा है. जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स में कमी आई है तो इसके चलते हर घर के मासिक खर्च में कटौती देखने को मिली है.  


वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के छठी वर्षगांठ के पूरे होने पर ट्वीट कर बताया कि कैसे खाने-पीने की वस्तुओं पर जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स में कमी आई है. जीएसटी के लागू होने से पहले जहां गेहूं और चावल पर 2.5 और 2.75 फीसदी टैक्स लगता था लेकिन अब कोई टैक्स नहीं लगता है. लस्सी, दही, बटरमिल्क पर पहले 4 फीसदी टैक्स था अब कोई टैक्स नहीं है.


मिल्क पाउडर पर 6 फीसदी टैक्स लगता था अब 5 फीसदी जीएसटी लगता है. वेजिटेबल एडिबल ऑयल और मसालों पर पर पहले 6 फीसदी टैक्स था अब 5 फीसदी जीएसटी है. हाथ की घड़ी समेत दूसरे प्रकार की घड़ियों पर पहले 28 फीसदी टैक्स था अब 18 फीसदी जीएसटी लगता है. वॉश बेसिन, सिंक समेत कई सैनेटरी वेयर सामानों पर पहले 28 फीसदी टैक्स था अब 18 फीसदी जीएसटी लगता है. डोर, विंडो और उसके फ्रेम पर पहले 28 फीसदी टैक्स था अब 18 फीसदी जीएसटी लगता है. 







वित्त मंत्रालय के मुताबिक पहले पेंसिल शार्पनर पर 18 फीसदी टैक्स था अब 12 फीसदी जीएसटी है. 27 इंच के टीवी, रेफ्रिजिरेटर, वॉशिंग मशीनस दूसरे इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज, मोबाइल फोन पर 31.3 फीसदी टैक्स लगता था अब 18 फीसदी जीएसटी लगता है. एलईडी पर 15 फीसदी टैक्स था अब 12 फीसदी जीएसटी देना होता है.  वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी के लागू होने के बाद टूथ पाउडर, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन पर टैक्स घटा है. फर्णीचर, किचनवेयर, कॉस्मैटिक्स परफ्यूम पर टैक्स में कमी आई है. 






 






जीएसटी कलेक्शन में भी रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला है. इस वर्ष अप्रैल 2023 में 1.87 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन एक महीने में देखने को मिला था. बीते 14 महीने से लगातार कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. जीएसटी काउंसिल की अब तक 49 बैठकें हो चुकी हैं और 11 जुलाई 2023 को 50वीं बैठक है जिसमें बड़े फैसले लिए जाने की उम्मीद है. 


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