जिन विक्रेताओं ने अब तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, आने वाले दिनों में वे भी बिना किसी रुकावट के अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को सप्लाई कर पाएंगे. अभी ऐसे विक्रेता अमेजन और फ्लिपकार्ट को इंट्रा-स्टेट सप्लाई नहीं कर पाते हैं, लेकिन 1 अक्टूबर से यह रुकावट दूर होने वाली है. सीबीआईसी बोर्ड के सदस्य शशांक प्रिय ने सोमवार को यह जानकारी दी.


इसके बाद नियम हो जाएंगे अधिसूचित


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी के सदस्य शशांक प्रिय फिक्की के जीएसटी कॉन्क्लेव में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने इस मौके पर यह भी बताया कि जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन भी जल्द ही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल के गठन के लिए पहले जीएसटी काउंसिल की मंजूरी अनिवार्य है. उसके बाद ही केंद्र सरकार गठन के लिये नियम अधिसूचित करेगा और सदस्यों की नियुक्ति करेगा.


इसी महीने जीएसटी काउंसिल की बैठक


जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 11 जुलाई को होने वाली है. शशांका प्रिय ने उम्मीद जताई कि जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन संबंधी ब्लूप्रिंट को मंजूरी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद हम नियमों को अधिसूचित कर देंगे. उसके बाद सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी.


करदाताओं का आधार बढ़ाने की तैयारी


सीबीआईसी बोर्ड मेंबर शशांक प्रिय ने कहा कि विभाग अभी करदाताओं का आधार बढ़ाने के लिये काम कर रहा है. फिलहाल कॉरपोरेट इनकम टैक्स देने वालों में से सिर्फ 40 फीसदी ही जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं. ऐसे में विभाग जीएसटी में पंजीकृत कंपनियों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर गौर कर रहा है. इसके लिए कॉरपोरेट इनकम टैक्स देने वालों के डेटाबेस का अध्ययन किया जा रहा है.


अभी इतना हो रहा औसत कलेक्शन


आपको बता दें कि अभी जीएसटी के तहत 1.39 करोड़ कंपनियां पंजीकृत हैं. यह एक जुलाई, 2017 को जीएसटी की शुरुआत के समय की संख्या के मुकाबले लगभग दो गुणा है. इस दौरान हर महीने का औसत मासिक जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ा है. जहां 2017-18 में यह 89,885 करोड़ रुपये रुपये था, वह 2022-23 में बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. चालू वित्त वर्ष में अब तक औसत कलेक्शन 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा है.


कड़े हो सकते हैं रजिस्ट्रेशन के नियम


शशांक प्रिय ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ियों पर भी बातें कीं. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों नियमों का दुरुपयोग कर रही हैं. ऐसे में पंजीकरण के नियमों को कड़ा बनाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फर्जी पंजीकरण को पकड़ने के लिए केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी मिलकर दो महीने से अभियान चला रहे हैं. इस अभियान में 13,900 करोड़ रुपये की चोरी से जुड़े 45,000 फर्जी जीएसटी पंजीकरण जांच के दायरे में हैं. इसके अलावा, अधिकारियों ने 1,430 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत तरीके से लाभ लेने को भी रोका है.


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