GST काउंसिल ने पूरा किया वादा, लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स की दर में बदलाव के लिए बनाया मंत्री समूह
GST Council: 9 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी के मौजूदा टैक्स ढांचे की जांच और समीक्षा के लिए एक मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया गया था.
GST Council: जीएसटी काउंसिल ने रविवार को अलग-अलग हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस उत्पादों के प्रीमियम पर जीएसटी दर का सुझाव देने और 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए 13 सदस्यीय मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया. बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं. इस समूह के सदस्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के सदस्य शामिल हैं.
9 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी के मौजूदा टैक्स ढांचे की जांच और समीक्षा के लिए एक मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया गया. इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्सेशन के बारे में काउंसिल का अंतिम फैसला नवंबर में होने वाली अगली बैठक में मंत्री समूह की रिपोर्ट के आधार पर लिए जाने की उम्मीद है.
फिलहाल हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर कितना लगता है जीएसटी
वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी माल औरं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है. पैनल के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) में वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित हेल्थ/चिकित्सा बीमा की कर दर का सुझाव देना भी शामिल है. साथ ही, टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ लाइफ इंश्योरेंस (चाहे व्यक्तिगत हो या समूह) और पुनर्बीमा सहित लाइफ इंश्योरेंस पर कर दरों का सुझाव देना भी शामिल है.
GoM को 30 अक्टूबर, 2024 तक देनी है रिपोर्ट
जीएसटी काउंसिल सचिवालय द्वारा जीवन औरं हेल्थ बीमा पर जीओएम के गठन पर जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “जीओएम को 30 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है.”
पश्चिम बंगाल सहित कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी, जबकि कुछ अन्य राज्य इस पर टैक्स को घटाकर पांच फीसदी करने के पक्ष में थे. यहां तक कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि 'लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है'.
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