वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक अभी कुछ देर पहले शुरू हो गई. इस बैठक के ऊपर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि आज उनके मतलब के फैसले होने की उम्मीद है. जिस फैसले का लोग सबसे ज्यादा इंतजार कर रहे हैं, वह इंश्योरेंस के प्रीमियम से जुड़ा हुआ है. फैसला सामने आते ही साफ हो जाएगा इंश्योरेंस का प्रीमियम सस्ता होने वाला है या नहीं.


11 बजे शुरू हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक


जीएसटी काउंसिल अप्रत्यक्ष कर यानी जीएसटी के बारे में फैसला लेने वाली सर्वोच्च इकाई है. आज हो रही बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं. यह बैठक 11 बजे दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में शुरू हुई. बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री और टैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी सामने आएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस दोपहर 2 बजे होने की उम्मीद है.


इन मुद्दों पर बैठक में चर्चा होने की उम्मीद


इस बैठक में जिन अहम मुद्दों पर विचार होने की उम्मीद है, उनमें इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी, जीएसटी की दरों का रैशनलाइजेशन और ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स प्रमुख हैं. इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी का मुद्दा तो काफी गरमाया हुआ है. वहीं जीएसटी की दरों को तार्किक बनाए जाने का मुद्दा सालों पुराना है.


इंश्योरेंस प्रीमियम पर कम होगी जीएसटी दर?


अभी हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी की दर से टैक्स (जीएसटी) वसूला जा रहा है. खास तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी को काफी ज्यादा माना जा रहा है. भारत जैसे देश में हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच बहुत कम है. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रीमियम को किफायती बनाना जरूरी है. इस कारण टैक्स की दर को कम करने की मांग उठ रही है.


मुद्दे की संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में एक नितिन गडकरी इसे लेकर वित्त मंत्री को चिट्ठी लिख चुके हैं. गडकरी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कम करने का सुझाव दिया था. यह मसला पहले फिटमेंट कमिटी के पास भेजा गया था, जिसने अपनी सिफारिशों के साथ अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल के ऊपर छोड़ दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि आज की बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है, या वरिष्ठ नागरिकों समेत स्पेसिफिक ग्राहकों को टैक्स से छूट दी जा सकती है.


ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के रेवेन्यू पर टैक्स


जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की कमाई का मुद्दा फोकस में रह सकता है. इस मुद्दे पर 1 अक्टूबर 2023 से लागू व्यवस्था के पहले और बाद की स्थिति की तुलनात्मक समीक्षा की जा सकती है. काउंसिल इस बात पर विचार कर सकती है कि एंट्री लेवल बेट पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का क्या असर हुआ है. इस मामले में दरों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है.


महंगा होगा क्रेडिट-डेबिट कार्ड से पेमेंट?


जीएसटी की दरों को तार्किक बनाए जाने की मांग लंबे समय से उठती आई है. ऐसा माना जा रहा है कि आज की बैठक में भी यह पुराना मुद्दा उठ सकता है. उनके अलावा बैठक के दौरान पेमेंट एग्रीगेटर्स पर टैक्सेशन के बारे में भी विचार हो सकता है. जीएसटी काउंसिल पेमेंट एग्रीगेटर्स के जरिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले 2 हजार रुपये तक के छोटे पेमेंट पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार कर सकती है. बैठक में फेक जीएसटी रजिस्ट्रेशन की समस्या से निपटने के उपायों के बारे में भी चर्चा होने की उम्मीद है.


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