GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली है. 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा और इसमें कई गुड्स और सर्विसेज पर जीएसटी दरों को घटाने और बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है.
फूड डिलीवरी चार्ज पर मिलेगी राहत!
जीएसटी काउंसिल की तरफ से फूड डिलीवरी एप्स के जरिए खाना मंगाने वाले कस्टमर्स को कुछ राहत मिल सकती है. जीएसटी परिषद की ओर से फूड डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) घटाया जा सकता है.
18 परसेंट से घटकर 5 परसेंट होगा जीएसटी- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी मिली है कि अगर जीएसटी काउंसिल की बैठक में फिटमेंट कमिटी के दिए गए सिफारिशों को माना जाता है तो आपके फूड डिलीवरी पर लगने वाले चार्ज में बड़ी कटौती हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तरफ से खाने की डिलीवरी पर अभी कस्टमर्स को 18 परसेंट जीएसटी देना होता है जिसे घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है.
इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना होगा 5 परसेंट जीएसटी
सूत्रों ने ये भी बताया कि ये प्रस्ताव 1 जनवरी 2022 से चलन में आएगा और खासकर ई-कॉमर्स कंपनियां जो फूड डिलीवरी कर रही हैं, उनके बिजनेस के लिए ये नियम लागू होगा. हालांकि एक बात ध्यान रखने वाली है कि जब ऐसी कंपनियां अपना जीएसटी रिटर्न फाइल करेंगी तो उनको इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फायदा नहीं मिलेगा. लंबे समय से ई-कॉमर्स कंपनियां जो फूड डिलीवरी सेक्टर में हैं, मांग कर रही हैं कि उनकी सेवाओं को रेस्टोरेंट सर्विसेज की तरह ही ट्रीट किया जाए या देखा जाए. इसके बारे में सूत्रों से पता चला है कि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमिटी ने इस चार्ज में कटौती के प्रस्ताव को विस्तार से देखा और समीक्षा की है.
नए जीएसटी चार्ज पर जानकारों का क्या है कहना
इस मामले की जानकारी रखने वाले जानकारों का कहना है कि बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के डिलीवरी चार्ज पर 5 परसेंट जीएसटी की दर भले ही आम ग्राहकों के लिए राहत की खबर हो, ये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वाली कंपनियों के लिए खास राहत की बात शायद नहीं होने वाली है. इसको ऐसे देखना चाहिए कि 18 परसेंट जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करना बिना आईटीसी के 5 परसेंट जीएसटी फाइल करने से ज्यादा सस्ता होगा. कुछ मामलों में ये 5 परसेंट जीएसटी (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) कुल मिलाकर कंपनियों के लिए 18 परसेंट जीएसटी (इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ) के मुकाबले ज्यादा खर्चीला साबित होने वाला है.
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