नई दिल्लीः जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी पर सहमति बन रही है और जीएसटी ड्राफ्ट पर चर्चा के साथ कई मामलों पर बात आगे बढ़ी है. आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री मौजूद रहे. जीएसटी काउंसिल की बैठक में डुअल कंट्रोल पर सहमति नहीं बन पाई. जीएसटी के तीन बिलों को भी काउंसिल की मंजूरी नहीं मिल पाई. ये बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पास कराए जाने थे. सेंट्रल जीएसटी, आईजीएसटी और जीएसटी के लिए मुआवजे पर भी चर्चा हुई, लेकिन इन बिलों के कुछ प्रावधानों पर सहमति बनी पर पूरी सहमति नहीं बन सकी.


गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की ये पांचवी मीटिंग रही और ये भी बेनतीजा रही है. डुअल कंट्रोल सहित कई मुद्दों पर राज्‍यों के बीच सहमति नहीं बन पाई. डुअल कंट्रोल ही वो मसला है कि जिस पर अब इस सवाल का जवाब टिका है कि जीएसटी कब लागू होगा. आशंका है कि सहमति न बन पाने के कारण जीएसटी पर संसद में चर्चा की तारीख आगे बढ़ सकती है.


वहीं केरल के वित्त मंत्री थॉमस आईजैक ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि सभी विवाद के मुद्दों को सुलझाने के लिए 11-12 दिसंबर को फिर जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी. केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक का कहना है कि डुअल कंट्रोल पर सहमति के बिना जीएसटी के तीनों बिल को मंजूरी नहीं मिल सकती है. जीएसटी के तीनों बिल पर काफी हद तक सहमति बन रही है, लेकिन डुअल कंट्रोल पर काउंसिल में वोटिंग की संभावना नहीं है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जीएसटी पर आम सहमति बन रही है. जीएसटी ड्राफ्ट पर लगभग चर्चा हो चुकी है. कुछ मुद्दों पर थोड़ी परेशानी को आपसी बातचीत से सुलझाने की कोशिश की जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के साथ अभी भी डुअल कंट्रोल पर मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कब तक सहमति बनेगी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.


क्या है डुअल कंट्रोल जिस पर सहमति नहीं बन रही है?
डुअल कंट्रोल, इसमें जीएसटी में कौन किससे टैक्स वसूलेगा इसकी परिभाषा है. अभी केंद्र और राज्य दोनों टैक्स वसूलते हैं, लेकिन जीएसटी के तहत राज्य 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर अधिकार चाहते हैं. साथ ही सर्विस टैक्स पर मसला फंसा हुआ है, क्योंकि केंद्र सर्विस टैक्स पर पूरा अधिकार चाहता है. राज्य सर्विस टैक्स पर भी डुअल कंट्रोल फॉर्मूला चाहते हैं.


ध्यान रहे कि 16 सितंबर तक जीएसटी लागू होना जरूरी है क्योंकि जीएसटी संशोधन बिल में 16 सितंबर 2017 तक लागू करने का प्रावधान है. तय समय पर लागू करना सांवैधानिक रूप से जरूरी है. सरकार अगले साल एक अप्रैल से एक देश, एक टैक्स यानी जीएसटी लागू करना चाहती है, लेकिन कानूनन 16 सितंबर तक हर हाल में जीएसटी लागू करना होगा वर्ना इनडायरेक्ट टैक्स की वसूली बंद हो जाएगी.