Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को हुई 53वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (GST Council Meeting) के बाद बताया कि इंडियन रेलवे की कई सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है. अब प्लेटफॉर्म टिकट पर जीएसटी नहीं लगेगा. इसके साथ ही सोलर कुकर और स्टील एवं एल्यूमिनियम से बने मिल्क कैन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा पेपर और पेपर बोर्ड से बने कार्टन पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमने कारोबार को बढ़ाने और टैक्स देने वालों को राहत पहुंचाने के लिए कई फैसले लिए हैं. 

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर जीएसटी को लेकर कोई चर्चा नहीं 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर लग रहे 28 फीसदी जीएसटी को लेकर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं की गई. यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में नहीं था. इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो को कोई भी राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो गई है. वित्त मंत्री के अनुसार, जीएसटी काउंसिल मीटिंग में सामने दिख रहे कई मसलों पर चर्चा की गई. गलत तरीके से कीमतें बढ़ाने का मुद्दा भी इस बैठक में उठाया गया.

आधार से लगेगी फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने पर लगाम 


वित्त मंत्री (Finance Minister) ने बताया कि सभी प्रकार के स्प्रिंकलर्स पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगाने की चर्चा की गई है. उन्होंने बताया कि पेपर कार्टन बॉक्स और स्प्रिंकलर पर जीएसटी घटाने से हिमाचल और जम्मू एवं कश्मीर के सेब उत्पादकों को खासा लाभ पहुंचेगा. इसके अलावा पूरे देश में आधार आधारित बायोमेट्रिक पहचान सुनिश्चित करने की व्यवस्था भी की जाएगी. इससे नकली इनवॉइस के जरिए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) लेने की घटनाओं पर लगाम लगेगी.

जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के लिए मोनेट्री लिमिट 20 लाख रुपये


इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल मीटिंग के दौरान मुकदमों को कम करने का फैसला भी लिया गया. इसके तहत अब जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के लिए मोनेट्री लिमिट बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है. हाई कोर्ट के लिए यही रकम 1 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपये होगी. रेलवे के बैटरी चालित वाहनों और इंट्रा रेलवे सर्विसेज पर भी टैक्स छूट दी गई है. इस बैठक में गोवा और मेघालय के सीएम, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के डिप्टी सीएम, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (विधानमंडल सहित) के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. 





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