GST Council: अब जीएसटी के दायरे में आया ये पॉपकॉर्न, फ्लेवर के हिसाब से देना होगा टैक्स
GST on popcorn: जीएसटी काउंसिल की आज हुई बैठक में रेडी टू इट पॉपकॉर्न को लेकर नया फरमान आया है. अब मॉल और रेस्तरां में बिकने वाले रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न को टैक्स के दायरे में लाया गया.
GST on popcorn: राजस्थान के जैसलमेर में आज जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. इस बैठक में पॉपकॉर्न को भी जीएसटी के दायरे में लाया गया. अब रेडी टू इट पॉपकॉर्न पर भी जीएसटी लगाया जाएगा.
कैरेमल पॉपकॉर्न पर सबसे ज्यादा टैक्स
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में नमक और मसालों से बनाए गए पॉपकॉर्न, जो पहले से पैक नहीं है और जिन पर लेबल नहीं लगा है उन पर 5 फीसदी, वहीं पैकेज्ड और लेबल होने पर इस पर जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया. जबकि कैरेमल से तैयार पॉपकॉर्न को 'चीनी कन्फेक्शनरी' की कैटेगरी में रखते हुए इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया.
इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स घटाने का फैसला टला
जीएसटी परिषद की इस बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स घटाने के फैसले को टाल दिया गया. बैठक में तय हुआ कि इस बारे में कुछ और तकनीकि पहलुओं को दूर करने की जरूरत है इसलिए इस पर आगे विचार करने का काम जीओएम को सौंपा जाएगा. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस बारे में कहा कि पॉलिसियों के प्रीमियम पर जीएसटी लगाने जाने का फैसला जीओएम की एक बैठक के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जीओएम के सदस्यों के बीच मतभेद होने के कारण फैसले में देरी हुई. उन्होंने कहा कि बीमा पर जीएसटी को लेकर मंत्री समूह की अगली बैठक जनवरी में हो सकती है.
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman chairs the 55th meeting of the GST Council, in Jaisalmer, Rajasthan, today.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) December 21, 2024
The participants included Union Minister for State for Finance Shri @mppchaudhary, Chief Ministers of Goa, Haryana, Jammu and Kashmir,… pic.twitter.com/MmuPnigO1g
बैठक में ये भी रहे मौजूद
इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पी पी चौधरी और गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और ओडिशा जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित कई प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। इसी के साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री भी चर्चा में भाग ले रहे हैं।
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