आपने कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना किया होगा, जब आपने कोई नया प्रोडक्ट खरीदा होगा और कुछ ही समय में वह खराब हो गया हो. अमूमन कंपनियां नए प्रोडक्ट पर कुछ समय की वारंटी देती हैं. वारंटी का मतलब होता है कि अगर उसकी वेधता के दौरान प्रोडक्ट में कोई खराबी आई तो कंपनी उसे ठीक करके देगी. ऐसे मामलों को लेकर सरकार का एक हालिया फैसला ग्राहकों की काफी मदद करने वाला है.
इस कारण लिया गया फैसला
दरअसल ऐसे कई मामले सामने आए थे, जिनमें कंपनियों ने वारंटी वाले प्रोडक्ट को ठीक करके ग्राहक को वापस तो दिया, लेकिन कंपनी ने ग्राहक से सर्विस टैक्स यानी जीएसटी वसूल कर लिया. अब कंपनियां ऐसा नहीं कर पाएंगी. सरकार ने इस मामले में एक दम साफ कर दिया है कि वारंटी के तहत प्रोडक्ट को ठीक करने के लिए कल-पुर्जे बदलने के बदले कंपनियां ग्राहकों से किसी तरह का पैसा नहीं ले सकती हैं.
जीएसटी काउंसिल ने लिया निर्णय
इस संबंध में जीएसटी काउंसिल की हालिया बैठक में फैसला लिया गया था. जीएसटी काउंसिल नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के ततहत स्लैब से लेकर रेट तक निर्णय लेने वाली सर्वोपरि संस्था है. जीएसटी काउंसिल ने हालिया बैठक में साफ किया था कि अगर कंपनियां वारंटी के तहत किसी प्रोडक्ट के कल-पुर्जे को फ्री में रिप्लेस कर रही है, तो वह ऐसे मामलों में जीएसटी नहीं ले सकती हैं. अब काउंसिल के निर्णय को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स यानी सीबीआईसी ने नोटिफाई कर दिया है.
सीबीआईसी ने कही ये बात
सीबीआईसी ने ताजा आदेश में कहा है कि वारंटी वाले प्रोडक्ट में जिन कल-पुर्जों को बदला जाता है, उनकी पूरी लागत पहले ही मूल प्रोडक्ट को बेचते समय ग्राहक से वसूल ली गई होती है. वारंटी के तहत कंपनियों को संबंधित प्रोडक्ट को ठीक करने में जरूरत पड़ने पर कल-पुर्जे खुद से बदलने होते हैं. ऐसे में कंपनियां ग्राहकों से जीएसटी के नाम पर पैसे नहीं ले सकती हैं.
देश भर के ग्राहकों की होगी मदद
सीबीआईसी ने कहा है कि अगर कंपनी कल-पुर्जे को बदलने के लिए कोई अतिरिक्त रिप्लेसमेंट चार्ज या सर्विस चार्ज वसूल करती हैं, तब जीएसटी लागू हो सकता है. सीबीआईसी के इस आदेश से देश भर के ग्राहकों को काफी मदद मिलने की उम्मीद है. वहीं कंपनियां व उनके सर्विस सेंटरों के द्वारा की जाने वाली गड़बड़ियों पर भी इससे लगाम लगेगी.
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