चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, 40 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले व्यापारी GST से बाहर
आज जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक थी जिसमें ये फैसला लिया गया है. इसके अलावा एक और एलान किया गया है कि कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए राज्य अधिकतम 2 साल तक सेस लगा सकते हैं.
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले सरकार लगातार नए-नए एलान कर रही है. आज जीएसटी को लेकर छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी आई है. अब 40 लाख रुपये सालाना टर्नओवर वाले व्यापारी जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. पहले ये व्यवस्था थी कि जिनका टर्नओवर 20 लाख तक था उन्हें जीएसटी से छूट थी. अब इसे बढ़ा कर 40 लाख कर दिया गया है. वहीं पहाड़ी राज्यों में ये सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तक कर दी गई है.
FM Arun Jaitley after GST meet: Exemption limit for GST for those with a turnover up to 20 lakh has been increased to 40 lakhs. pic.twitter.com/ewrJn1onDy
— ANI (@ANI) January 10, 2019
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात का एलान किया है. आज जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक थी जिसमें ये फैसला लिया गया है. इसके अलावा एक और एलान किया गया है कि कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए राज्य अधिकतम 2 साल तक सेस लगा सकते हैं. केरल को अपने यहां अधिकतम 1 फीसदी सेस लगाने की इजाज़त दी गई है.
केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजक ने कहा कि चुनाव को देखते हुए जीएसटी काउंसिल की भावना को दरकिनार करते हुए जल्दबाज़ी में फ़ैसले लिए जा रहे हैं. बंगाल के वित्त मंत्री ने भी अरुण जेटली को पत्र लिख कर कुछ ऐसा ही आरोप लगाया है. जीएसटी काउंसिल में चुनावों को देखकर फ़ैसला लेने का आरोप लगाया गया है.
FM Arun Jaitley after GST meet: From 1st April 2019, composition scheme limit will be increased to 1.5 crores. Those who come under the composition scheme will pay tax quarterly, but the return will be filed only once a year. Council approved composition scheme for Services pic.twitter.com/xy4bMJeJIN
— ANI (@ANI) January 10, 2019
अरुण जेटली ने एक और एलान करते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2019 से कंपोजिट स्कीम का दायरा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये तक हो जाएगा. जो कंपोजिट स्कीम के दायरे में आते हैं वो तिमाही आधार पर अपना टैक्स अदा करेंगे. हालांकि उन्हें रिटर्न साल में एक बार ही फाइल करना होगा. इसके अलावा सेवाओं के लिए भी कंपोजिट स्कीम को मंजूरी दे दी गई है.
जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की. पहले ही खबर आई थी कि छोटे उद्योगों को भी राहत मिल सकती है और ऐसा ही हुआ. छोटे व्यापारी जिनका 40 लाख रुपये तक का टर्नओवर था अब वो जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. वहीं ये भी खबर थी कि इस बैठक से अर्धनिर्मित मकान खरीदने वाले लोगों को कुछ राहत मिलने की संभावना है और इसके लिए जीएसटी 12 से 5 फ़ीसदी होने की संभावना है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक की खास बातें जीएसटी कंपोजिशन स्कीम जिसके तहत छोटे कारोबारी और व्यापारी वैल्यू एडिशन की जगह टर्नओवर के आधार पर टैक्स अदा करते हैं, इसकी सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है. अरुण जेटली ने कहा कि इस फैसले से माइको, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को राहत मिलेगी. रियल एस्टेट और लॉटरी को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर सात सदस्यीय मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है क्योंकि इस मुद्दे पर मतभेद उभरकर सामने आ रहे थे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ये जानकारी दी. इससे पहले हुई मीटिंग में जीएसटी काउंसिल ने सात वस्तुओं को सबसे ऊंचे स्लैब से बाहर निकालकर टैक्स कम किया था. काउंसिल ने 28 प्रतिशत वाले स्लैब में से 6 वस्तुओं को 18 प्रतिशत वाले दर में रखा था और एक वस्तु को पांच फीसदी वाले स्लैब में रखा था. काउंसिल ने पिछले मीटिंग में कुल 23 गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स रेट कम किए थे. GST Council Meeting: घरों की कीमत पर टैक्स छूट का आज मिल सकता है बड़ा लाभ