GST Evasion: ऑनलाइन गेमिंग ने की 23000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी, संसद में वित्त राज्यमंत्री ने किया खुलासा
GST Evasion Update: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां टैक्स विभागों के रडार पर बनी हुई है.
GST Evasion By Gaming Companies: गेमिंग कंपनियों के जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है. अप्रैल 2019 से लेकर नवंबर 2022 के गेमिंग कंपनियों ने 23000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद में Loksabha में ये जानकारी दी है.
लोकसभा में दिए गए लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने ऑनलाइन गेमिंग का इस्तेमाल कर साइबर और क्रिप्टो एसेट्स फ्रॉड्स कर हेरफेर करने के मामले में 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है. उन्होंने सदन को बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम ने भारत और विदेश दोनों ही जगह ऑनलाइन गेम कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2019 से लेकर नवंबर 2022 तक 22,936 करोड़ रुपये जीएसटी चोरी का मामला बनता है. जब वित्त राज्य मंत्री से सवाल किया गया कि क्या इऩकम टैक्स विभाग ने भी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को टैक्स नहीं देने के लिए नोटिस जारी किया है तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स की धारा 1961 के तहत खास टैक्सपेयर के बारे में जानकारी का खुलासा करने पर प्रतिबंध है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने ऑनलाइन गेम्स में जीतकर पैसा कमाने वालों को अपडेटेड आयकर रिटर्न ( Updated ITR) दाखिल कर सही आय का खुलासा करने और इसपर टैक्स (Tax) का भुगतान करने को पहले ही कह चुकी है. सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा था कि एक गेमिंग पोर्टल (Gaming Portal) ने बीते तीन सालों वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2021-22 के दौरान ऑनलाइन गेम्स में जीतने वालों को 58,000 करोड़ रुपये बांटे हैं. जबकि गेम जीतने वालों में से किसी ने भी जीती हुई रकम पर टैक्स नहीं दिया है. सीबीडीटी ने विजेताओं को अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल कर सही आय का खुलासा करने और इसपर टैक्स का भुगतान करने को कहा था.
ये भी पढ़ें