GST GoM Meet: टैक्स स्लैब को घटाने वाले मंत्रियों के समूह की बैठक की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कर रहे हैं. इस बैठक में उनके साथ पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सहित अन्य सदस्य भी हैं.


अगले साल जुलाई में जीएसटी को लागू हुए 5 साल हो जाएंगे. ऐसे में पिछले कुछ सालों से लगातार इस बात की मांग उठ रही है कि जीएसटी की 12 और 18 प्रतिशत की दर को मिलाकर एक ही किया जाए. साथ ही जीएसटी के जरिए कमाई को बढ़ाने के लिए कई और चीजों पर दरों में बदलाव की मांग भी की जा रही है. 


कमेटी इतने दिन में देगी रिपोर्ट


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने 17 सितंबर को हुई बैठक में इस मामले को लेकर मंत्रियों के समूह का गठन किया है.


सात सदस्यीय समिति को इस मामले पर दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. मंत्रियों का समूह की बैठक के बाद आए फैसले को जीएसटी काउंसिल को सौंपा जाएगा जिस पर दिसंबर के आखिर में संभावित जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा कर फैसला लिया जा सकता है. 


ताजा हालात


जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था में मुख्यत: आवश्यक वस्तुओं पर या तो कोई टैक्स नहीं लगता है या फिर उन पर 5 फीसदी की सबसे कम दर से जीएसटी वसूला जाता है. वहीं ऐश ओ आराम वाली वस्तुओं पर 28 फीसदी की सबसे ऊंची दर पर जीएसटी लगाया जाता है. 12 और 18 प्रतिशत की दो मध्यम दरों वाले स्लैब भी हैं.


शनिवार की बैठक में मंत्रियों का समूह ऐसी वस्तुओं को टैक्स के दायरे में शामिल किया जा सकता है जो कर मुक्त हैं. साथ ही कई वस्तुओं के दरों को बढ़ाया और घटाया भी जा सकता है ताकि कोरोना के बाद राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव को व्यवस्थित किया जा सके.


चीजों पर ये हैं दरें


आंकड़ों के मुताबिक निगेटिव लिस्ट को छोड़ दें तो जीएसटी में करीब 1200 आइटम शामिल हैं. इनमें से 22 फीसदी आइटम 5 पर्सेंट के, 18 फीसदी आइटम 12 पर्सेंट के, 47 फीसदी आइटम 18 पर्सेंट के और सिर्फ 29 आइटम 28 पर्सेंट जीएसटी के दायर में रखे गए हैं.


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