GST Intelligence: जीएसटी इंटेलिजेंस ने पकड़ी 2 लाख करोड़ रुपये की चोरी, ऑनलाइन गेमिंग में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा
GST: डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ने वित्त वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले चोरी के दोगुने मामले पकड़े गए हैं.
GST: देश में जीएसटी चोरी पकड़ने के लिए बनाए गए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने पिछले वित्त वर्ष में 2.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के केस पकड़े हैं. यह आंकड़ा एक साल में लगभग दोगुना हो गया है. डीजीजीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी चोरी के लगभग 46 फीसदी मामले टैक्स का पेमेंट न करने, 20 फीसदी फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) से जुड़े और 19 फीसदी गलत तरीकों से लाभ लेने के पकड़ में आए हैं.
6,084 केस में 2.01 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई
जीएसटी इंटेलिजेंस ने बताया कि उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में 2.01 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के 6,084 मामलों का पता लगाया है. इसके अनुसार, सर्विस सेक्टर में ऑनलाइन गेमिंग और बीएफएसआई (BFSI) में सबसे ज्यादा टैक्स चोरी की जा रही है. इसके अलावा गुड्स सेक्टर में लोहा, तांबा, स्क्रैप और अलॉय में भी जमकर टैक्स चोरी की जा रही है. जीएसटी इंटेलिजेंस ने वित्त वर्ष 2022-23 में 4,872 मामलों में 1.01 लाख करोड़ रुपये पकड़े थे. वित्त वर्ष 2023-24 में 26,605 करोड़ रुपये खुद से टैक्स पेमेंट (Voluntary Tax) के रूप में आए.
बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर भी जीएसटी चोरी में आगे
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में 78 मामलों में 81,875 करोड़ रुपये की सबसे अधिक जीएसटी चोरी देखी गई. दूसरे नंबर पर 171 मामलों में 18,961 करोड़ रुपये की चोरी के साथ बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर रहा है. कॉन्ट्रैक्ट सर्विसेज में 2,846 करोड़ रुपये के 343 मामले और फार्मा सेक्टर में 22 केस में 40 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई. लोहा, तांबा, स्क्रैप और अलॉय में 1,976 मामले पकड़े गए, जिसमें 16,806 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई.
पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी बनाने वाले कर रहे टैक्स चोरी
जीएसटी इंटेलिजेंस के अनुसार, 5,794 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के 212 मामलों के साथ पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी बनाने वाले तीसरे पायदान पर रहे हैं. इसके बाद प्लाइवुड, लकड़ी और कागज का नंबर आता है. इसमें 238 केस में 1,196 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई. इलेक्ट्रॉनिक आइटम में 1,165 करोड़ रुपये के 23 मामले और मार्बल, ग्रेनाइट और टाइल्स में 315 करोड़ रुपये के 235 केस पकड़े गए हैं. पिछले वित्त वर्ष में सेंट्रल जीएसटी जोन ने भी 35,377 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के 14,492 केस पकड़े हैं.
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