GST टैक्सपेयर्स के लिए राहत, रिटर्न दाखिल में देरी होने पर जुर्माना सिर्फ 500 रुपये तक
अगर किसी जीएसटी टैक्सपेयर्स पर कोई देनदारी नहीं बनती है तो उसे निल रिटर्न फाइल करने पर कोई फाइन नहीं लगेगा.
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सरकार ने जीएसटी टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है. अब मासिक और तिमाही आधार पर सेल्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर 500 रुपये से अधिक जुर्माना नहीं देना होगा. GSTR-3B फाइल करने में देरी होती है तो हर रिटर्न पर सिर्फ 500 रुपये का जुर्माना लगेगा. इससे ज्यादा नहीं. फिलहाल यह नियम जुलाई 2020 तक लागू रहेगा.
जीएसटी महीने में तिमाही या महीना खत्म होने के अगले 20 तारीख तक फाइल किया सकता है. नई घोषणा के मुताबिक जुलाई 2017 से जुलाई 2020 के बीच लेट रिटर्न फाइल करने पर हर रिटर्न पर 500 रुपये का ही फाइन लगेगा. लेकिन रिटर्न फाइलिंग 30 सितंबर 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए.जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर किसी जीएसटी टैक्सपेयर्स पर कोई देनदारी नहीं बनती है तो उसे निल रिटर्न फाइल करने पर कोई फाइन नहीं लगेगा. अगर किसी तरह की टैक्स देनदारी बनती है तो 500 रुपये से ज्यादा जुर्माना नहीं लगेगा.
निल टैक्स रिटर्न एसएमएस से संभव
अगर आपको निल रिटर्न फाइल करना है तो यह अब मैसेज के जरिए भी संभव है. ‘निल' रिटर्न दाखिल करने के लिए करने वाले टैक्सपेयर्स जुलाई के पहले सप्ताह से SMS के जरिये का मंथली और तिमाही ब्योरा 'GSTR-1' भेज सकेंगे. इससे से 12 लाख से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स को फायदा होगा. अभी टैक्सपेयर्स को को हर महीने या हर तिमाही में साझा पोर्टल पर अपने अकाउंट में लॉग-इन करना पड़ता है और इसके बाद बिक्री विवरण फॉर्म 'जीएसटी रिटर्न-1' दाखिल करना पड़ता है.
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