GST Law: मणिपाल ग्लोबल एजूकेशन (मणिपाल यूनिवर्सिटी) के चेयरमैन मोहनदास पई ने एक वीडियो शेयर कर वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज से एक सवाल पूछा है. इस वीडियो में बताया गया है कि अगर कोई रेस्टोरेंट या दुकानदार अपने कस्टमर से जीएसटी के रूप में टैक्स वसूल करता है तो उसे उसी सूरत में दिया जाना चाहिए जब वो कंपोजीशन टैक्सपेयर ना हो. 


वीडियो शेयर कर मोहनदास पई ने पूछा सवाल- CBIC ने दिया जवाब


दरअसल वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा है कि एक रेस्टोरेंट में एक शख्स को जब उसके खाने का बिल दिया जा रहा है, तब वो उसे जीएसटी की वेबसाइट पर डालकर चेक करता है और देखता है कि वो कंपोजीशन टैक्सपेयर है. इस सूरत में वो जीएसटी देने से मना कर देता है और रेस्टोरेंट का मालिक इस बात को स्वीकार करता है. जब मोहनदास पई ने इस वीडियो को अपने ट्वीट में लगाकार सीबीआईसी से सवाल पूछा तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज की ओर से इसका स्पष्टीकरण दिया गया है.


सीबीआईसी ने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि जीएसटी कानून के तहत जो शख्स कंपोजीशन टैक्सपेयर के रूप में रजिस्टर्ड हैं, वो अपने कस्टमर्स से ना तो टैक्स योग्य इनवॉइस जारी कर सकते हैं और ना ही उसकी खरीदारी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी कर सकते हैं.



कैसे चेक करें कि दुकानदार कंपोजीशन टैक्सपेयर है या नहीं


सीबीआईसी ने ये भी बताया है कि कैसे ग्राहक ये चेक कर सकता है कि दुकानदार या रेस्टोरेंट रेगुलर टैक्सपेयर है या कंपोजीशन टैक्सपेयर है. ये जीएसटी पोर्टल पर चेक किया जा सकता है. इसके लिए सीबीआईसी ने लिंक भी शेयर किया है https://services.gst.gov.in/services/searchtp


इस पोर्टल पर जाकर Search Taxpayer पर जाएं और फिर Taxpayer Type में जाकर GSTIN/PAN के जरिए आप ये वेरिफाई कर सकते हैं कि जो दुकानदार आपसे जीएसटी वसूल कर रहा है वो कहीं कंपोजीशन स्कीम के अंतर्गत तो नहीं आ रहा है. अगर वो कंपोजीशन टैक्सपेयर है तो वो आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकता है.


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