नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था माल एवं सेवा कर (GST) में अगले महीने से कुछ बदलाव होने जा रहे हैं. कर कानूनों को प्रभावी बनाने, अनुपालन को आसान बनाने और अंतत: कर चोरी को रोकने के लिए समय-समय पर जीएसटी में निश्चित बदलाव होते रहते हैं. इसी कड़ी में ताजा बदलाव भी हुआ है. जीएसटी नेटवर्क (GST Network) ने इसकी जानकारी दी है.


अभी नहीं है समय की पाबंदी


जीएसटी नेटवर्क ने बताया है कि अब कुछ कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस (Electronic Invoice) जारी होने के 7 दिनों के भीतर उन्हें इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (Invoice Registration Portal) यानी आईआरपी (IRP) पर अपलोड करना होगा. यह नियम एक मई से अमल में आ जाएगा. यह बदलाव उन कंपनियों के लिए है, जिनका टर्नओवर 100 करोड़ रुपये है या इससे ज्यादा है. अभी ऐसे मामलों में कंपनियों को करंट डेट पर इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस को आईआरपी पर अपलोड करना होता है. इसका मतलब हुआ कि इनवॉयस कभी भी जेनरेट हुआ हो, उससे रिपोर्ट करने की तारीख पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.


जीएसटी नेटवर्क की एडवाइजरी


जीएसटी नेटवर्क ने ताजा बदलाव को लेकर टैक्सपेयर्स के लिए एक एडवाइजरी (GSTN Advisory) जारी की है. एडवाइजरी में जीएसटी नेटवर्क ने कहा, सरकार ने 100 करोड़ रुपये के बराबर या इससे ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए पुराने इनवॉयसेज की रिपोर्टिंग को चुस्त बनाने का निर्णय लिया है. इसी कारण पुराने इनवॉयसेज को आईआरपी पर रिपोर्ट करने के लिए टाइम लिमिट लगाई जा रही है.


करदाताओं को मिला समय


जीएसटी नेटवर्क ने कहा कि समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तय टर्नओवर के दायरे में आने वाले करदाताओं को रिपोर्टिंग की तारीख पर सात दिन से ज्यादा पुराने इनवॉयसेज रिपोर्ट करने की सुविधा नहीं मिलेगी. सभी पात्र करदाताओं को इस बदलाव का पालन करने के लिए पर्याप्त समय मिले, इसी कारण सरकार ने बदलाव को 1 मई से लागू करने का फैसला लिया है.


रिजेक्ट हो जाएंगे पुराने इनवॉयस


जीएसटी नेटवर्क ने साथ ही यह भी साफ किया है कि पाबंदी सिर्फ इनवॉयसेज पर लागू है. डेबिट या क्रेडिट नोट की रिपोर्टिंग के मामले में समय की कोई पाबंदी नहीं है. जीएसटी नेटवर्क ने उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर कोई इनवॉयस 1 अप्रैल 2023 की तारीख की है, तो उसे 8 अप्रैल 2023 के बाद रिपोर्ट नहीं किया जा सकेगा. इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर इसके लिए वैलिडेशन सिस्टम तैयार किया गया है, जो सात दिन से पुराने इनवॉयस को खुद ही रिजेक्ट कर देता है.


आईटीसी क्लेम करने के लिए जरूरी


अगर कोई टैक्सपेयर, जिनके ऊपर यह बदलाव लागू होने वाला है, 1 मई से इसका पालन नहीं करते हैं तो वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) यानी आईटीसी (ITC) का लाभ नहीं उठा पाएंगे. यानी 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा के टर्नओवर वाले व्यवसायों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए सात दिनों के भीतर इनवॉयस को अपलोड करना जरूरी होगा. इसी कारण जीएसटी नेटवर्क ने सभी पात्र करदाताओं को बदलाव का पालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी है.


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