GST Rates-Slab: जीएसटी काउंसिल की 9 सितंबर को हुई प्रेस-कॉन्फेंस में जीएसटी दरों में बदलाव का फैसला सुनाया गया था. कुछ उत्पादों की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया था. ऐसे में देश के मुख्य टैक्स ढांचे में भी बदलाव देखा गया है. 9 सितंबर को मंत्रियों के समूह ने जीएसटी दरों या स्लैब के बदलाव के असर पर अपनी रिपोर्ट दे दी थी. इसके बाद एक मीटिंग की जरूरत पड़ी जिसमें नई टैक्स दरों-टैक्स स्लैब में बदलाव पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और टैक्स दरों पर मंथन होगा.
GoM को चर्चा की जरूरत क्यों पड़ी?
9 सितंबर 2024 (सोमवार) को हुई जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने की. इस बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई थी. इस मीटिंग में कैंसर की दवाएं, धार्मिक पर्यटन के लिए हेलीकॉप्टर लेने और कुछ प्रकार के नमकीन पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया गया था. इसके बाद लगभग 12 फीसदी औसत जीएसटी दर 15.3 फीसदी के रेवेन्यू न्यूट्रल रेट से नीचे आ गई है. इससे जीएसटी दर को तर्कसंगत (रैशनलाइज) करने पर चर्चा शुरू करने की जरूरत महसूस हुई है. फिलहाल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) या जीएसटी 5, 12, 18 और 28 फीसदी स्लैब के साथ चार लेवल का टैक्स स्ट्रक्चर है.
दरअसल अगस्त की मंत्रियों के पैनल की बैठक के दौरान ने केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों वाली फिटमेंट कमेटी को ज्यादा डेटा इकट्ठा करने का काम सौंपा था. इसके जरिए कुछ वस्तुओं पर टैक्स दर में बदलाव का जीएसटी पर क्या असर आता है, इसका विश्लेषण करने वाली रिपोर्ट देने का काम किया जाना था. अब इसी रिपोर्ट के आधार पर जीओएम चर्चा करेगा.
कहां होगी ग्रुप ऑफ मिनिटर्स की बैठक
जीओएम की बैठक 25 सितंबर को होगी और इसमें जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने पर और स्लैब और दरों में बदलाव पर चर्चा हो सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी स्लैब को तर्कसंगत (रैशनलाइज) बनाने पर जीओएम की बैठक 25 सितंबर को गोवा में होने वाली है. बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में मंत्री समूह (जीओएम) ने आखिरी बार 22 अगस्त को बैठक की थी और 9 सितंबर को जीएसटी काउंसिल को एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में छह मंत्री शामिल थे.
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