GST Rate Update: पेंसिल और शाार्पनर पर लगने वाले जीएसटी को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. गुजरात एएआर ने बताया है कि पेंसिल और शार्पनर पर क्यों अधिक जीएसटी देना पड़ रहा है. गुजरात एएआर (GAAR) ने माना है कि शार्पनर के साथ बेची गई पेंसिल अकेले बेची गई पेंसिल की तुलना में अधिक GST को आकर्षित करेगी. क्योंकि मिक्स सप्लाई (Mixed Supply) पर ज्यादा जीएसटी देना होता है. अगर इनको अलग-अलग बेचा जाता है तो कम जीएसटी देना होगा. 


व्यवसाय या तो अकेले माल या सामान और बंडल सेवाओं की सप्लाई करते हैं. बंडल आपूर्ति को दो पार्ट मिक्स्ड और वोभरआल में सप्लाई करता है. मिक्स सप्लाई दो या दो से अधिक वस्तुओं की सप्लाई है और एक ही कीमत पर एक साथ सप्लाई को संदर्भित करती है. वहीं वोभरआल सप्लाई की बात करें तो इसमें दो या दो से अधिक वस्तुओं या सेवाओं और दोनों की सप्लाई की जाती है. 


कंपनी ने दिया ब्यौरा 


अब इन दोनों पर टैक्स लगाने की बता करें तो मिक्स सप्लाई पर टैक्स उच्चतम दर वाली वस्तुओं या सेवाओं के आधार पर तय की जाती है. वोभरआल सप्लाई पर टैक्स की बात करें तो टैक्स पूरे सप्लाई पर लागू होती है.  द हिंदू बिजनेस लाइन अखबार के अनुसार, अंबरगांव (गुजरात) स्थित डॉम्स इंडस्ट्रीज ने अपने तीन उत्पादों का ब्यौरा पेश किया है. एक शार्पनर और इरेज़र के साथ पेंसिल, दूसरा एक कलरिंग बुक, पेंसिल, रंगीन पेंसिल, ऑयल पेस्टल, प्लास्टिक क्रेयॉन, वैक्स क्रेयॉन, इरेज़र, स्केल और शार्पनर और तीसरी पेंसिल, इरेज़र, स्केल और शार्पनर आदि हैं.  


अलग-अलग बेचे जा सकते हैं उत्पाद  


पिछले साल जुलाई में जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर वित्त मंत्रालय ने शार्पनर के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी लागू किया है. जीएएआर ने कहा कि उत्पादों में से प्रत्येक वस्तु को व्यापार के लिए एक दूसरे के साथ बंडल में सप्लाई नहीं की जा सकती है. साथ ही प्रत्येक को स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है. इसका मतलब यह है कि पेंसिल शार्पनर के साथ-साथ पेंसिल की सप्लाई 'मिक्स सप्लाई' की कैटेगरी में आती है. जीएएआर ने कहा कि नाममात्र प्राइस वाली किट के साथ शार्पनर की टैक्स का भी प्रभाव पड़ेगा. 


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