जुलाई में GST दरों में कटौती के बाद अगस्त में कलेक्शन गिरकर 93,960 करोड़ रुपये
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 21 जुलाई को जीएसटी काउंसिल ने सेनेटरी नैपकीन, जूते चप्पल, फ्रिज, छोटे स्क्रीन के टीवी, वाशिंग मशीन सहित 88 वस्तुओं और उत्पादों पर टैक्स की दरों में कमी की थी.
नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में जुलाई के आखिरी दिनों में की गई कटौती के बाद ग्राहकों द्वारा खरीदारी बंद करने से अगस्त महीने में जीएसटी कलेक्शन गिर कर 93,960 करोड़ रुपये रहा जबकि इस दौरान दाखिल रिटर्न की संख्या ज्यादा रही. जुलाई में यह 96,483 करोड़ रुपये था.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अगस्त महीने में कुल मिलाकर 67 लाख बिक्री रिटर्न (जीएसटीआर 3बी) दाखिल किए गए यह संख्या जुलाई में दाखिल 66 लाख रिटर्न से ज्यादा है. अगस्त में राजस्व प्राप्ति जुलाई और जून महीने के कलेक्शन की तुलना में मामूली कमी आई है. जून में 95,610 करोड़ रुपये और अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्ट हुआ था.
मंत्रालय ने कहा है कि 21 जुलाई को जीएसटी परिषद ने सेनेटरी नैपकीन, जूते चप्पल, फ्रिज, छोटे स्क्रीन के टीवी, वाशिंग मशीन सहित 88 वस्तुओं और उत्पादों पर टैक्स की दरों में कमी की थी. अनुमान है कि टैक्स की दरों में गिरावट के बाद दाम घटने की उम्मीद में बाजार में कुछ समय के लिए उनकी बिक्री कुछ कम हुई जिससे राजस्व वसूली पर असर हुआ. संबंधित उत्पादों पर जीएसटी की नई दरें 27 जुलाई से लागू हुई.
जीएसटी दरों में इस बदलाव के बाद अब सिर्फ 35 तरह की चीजें 28 प्रतिशत की सबसे उंचे दर के दायरे में हैं.
मंत्रालय ने कहा कि दरअसल टैक्स में कमी किए जाने का बाजार पर असर दिखने में थोड़ा समय लगता है ऐसे में कस्टमर्स ने दाम में कमी का फायदा उठाने के लिए उस समय खरीदारी का काम बंद कर दिया होगा. टैक्स की दरों में कमी का सही असर अगले महीने ही दिखा होगा क्योंकि टैक्स की बदली हुई दर उस समय लागू हुई जब जुलाई में कुछ दिन ही बचे थे.
देश में अलग-अलग बाढ़ को देखते हुए जुलाई 2018 का रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 5 अक्तूबर 2018 कर दिया गया है.