नई दिल्ली: देश को एक बाजार बनाने वाली टैक्स व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी लागू होने के बाद मुनाफाखोरी करने वालों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगाह कर दिया है. दूसरी ओर जेटली ने ये भी साफ कर दिया है कि नयी कर व्यवस्था में टैक्स की रेट को लेकर किसी को हैरानी नहीं होगी.


पहली जुलाई से नई व्यवस्था शुरू करने का इरादा


जीएसटी के तहत अलग-अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स की रेट तय करने का काम जोरों पर है. उम्मीद है कि वित्त मंत्री की अध्यक्षता वालीजीएसटी काउंसिल की 18 और 19 मई को श्रीनगर में होने वाली बैठक म इन दरों पर फैसला कर लिया जाएगा. नई व्यवस्था के लिए केंद्रीय स्तर पर तमाम विधायी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है जबकि 29 राज्यों और विधानसभा के साथ वाले दो केंद्र शासित प्रदेश, दिल्ली और पुड्डुचेरी मे जरुरी कानून बनाने का काम 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा. वैसे तो संविधान संशोधन के बाद 16 सितंबर तक नई कर व्यवस्था लागू करने का समय है, लेकिन केंद्र सरकार ने पहली जुलाई से नई व्यवस्था की शुरुआत करने का इरादा जताया है.


मुनाफा गलत शब्द नहीं है, लेकिन गलत तरीके से मोटा मुनाफा कमाना गलत: जेटली


बहरहाल, जीएसटी पर चर्चा करते हुए शुक्रवार को उद्योग संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज यानी सीआईआई के सालाना सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना था कि मुनाफा कमाना गलत नहीं है, लेकिन ये देखना है कि मुनाफा कितना होना चाहिए. जेटली ने कहा, “मुनाफा गलत शब्द नहीं है, लेकिन गलत तरीके से मोटा मुनाफा कमाना गलत है. टैक्स की रेट में कमी का फायदा पाना ग्राहक का अधिकार है और ये एक ऐसा सिद्धांत है जिसे चुनौती नहीं दी जा सकती.


एंटी प्रॉफिटरिंग की बदौलत मोटा मुनाफा काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई


वित्त मंत्री का ये बयान ऐसे समय में आय़ा है जब जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई दर बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. इस आशंका की एक वजह कंपनियों के उस व्यवहार से भी जुड़ा है जिसमें टैक्स की रेट में कमी होने की सूरत में उसका पूरा-पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं देने से जुड़ा है. इसी को देखते हुए जीएसटी कानून में एक विशेष प्रावधान 'एंटी प्रॉफिटरिंग' शामिल किया गया है. इस प्रावधान की बदौलत जीएसटी का आड़ में मोटा मुनाफा काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.


टैक्स की रेट को लेकर नहीं होगी हैरानी: जेटली


जेटली ने ये भी जानकारी दी कि जीएसटी के तहत टैक्स की रेट को लेकर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “ हम अलग-अलग सामान का रेट तय करने के अंतिम दौर में है. रेट तय करने का फॉर्मूला पहले ही समझाया जा चुका है. लिहाजा रेट को लेकर किसी को हैरानी नहीं होगी. ये (मौजूदा) से बहुत ज्यादा अलग नहीं होंगे. ये पहले ही तय हो चुका है कि जीएसटी के तहत अलग-अलग सामान पर दरें, 5, 12, 18 और 28 फीसदी होगी जबकि तंबाकू और लग्जरी सामान जैसों पर अलग से सेस लगातार रेट ऊंची रखी जाएगी. सेवाओं पर अलग-अलग दर होगी और अभी के दर से ये अलग नहीं होंगे.