नई दिल्लीः कारोबारियों के लिए आज सरकार ने कुछ राहत की खबर दी है. देश में कोरोना वायरस संकट के कारण जारी लॉकडाउन के चलते कारोबारियों को हो रही दिक्कतों को देखते सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का एलान कर दिया है. अब वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) जमा कराने के लिए 30 सितंबर 2020 तक का समय दे दिया गया है.


बता दें कि कारोबारियों को राहत देने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं और कुछ दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च महीने का जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए 5 मई 2020 तक का समय दिया था.


वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के मुताबिक, कंपनी एक्ट 2013 के प्रावधानों के तहत रजिस्टर्ड लोग इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड के जरिए जीएसटीआर-3B जमा कर सकते हैं.


हालांकि कारोबारी मांग कर रहे हैं कि जीएसटी जमा करने से उन्हें राहत दी जाए और कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते व्यापार को हो रहे नुकसान को देखते हुए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाए. लेकिन सरकार ऐसा करने को लेकर कोई एलान नहीं कर रही है और कह रही है कि इससे टैक्स राजस्व को भारी नुकसान होगा और सप्लाई चेन बाधित होगी.


बता दें कि इसके पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल की तारीख बढ़ाकर 30 जून की थी. साथ ही कारोबारियों को कहा गया था कि 5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना या ब्याज नहीं लिया जायेगा.


लेट पेमेंट पर पेनेल्टी घटाकर 9 फीसदी की थी
वित्त मंत्रालय ने देरी से रिटर्न फाइल करने के मामले में को लेट फीस को 12 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दिया था.


ये भी पढ़ें


कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते रिटेल सेक्टर को 5.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान