नई दिल्ली: जीएसटी को समझना एक मुश्किल चीज़ है. इसलिए हम आपको इससे रू-ब-रू करा रहे हैं. कल हमने आपको बताया कि मौजूदा टैक्स व्यवस्था और जीएसटी में क्या फर्क है? जीएसटी में किस तरह से टैक्स लगेगा? मौजूदा टैक्स व्यवस्था में कैसे टैक्स लगता है? कितने तरह के टैक्स को जीएसटी में शामिल किया गया है? और जीएसटी में किन-किन अप्रत्यक्ष कर को शामिल किया गया है? इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में भी बता चुके हैं.


अब जानिए-  कौन-कौन लोग जीएसटी के दायरे में आएंगे:

  1. 20 लाख रुपये या उससे कम सालाना कारोबार करने वाले जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. पूर्वोत्तर और विशेष दर्जा वाले राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ये सीमा 10 लाख रुपये होगी. ऐसे कारोबारी चाहे तो जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. ऐसा करने पर उन्हे इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिलेगा

  2. 20 लाख रुपये से ज्यादा (विशेष दर्जा वाले राज्यों में 10 लाख रुपये) के सालाना कारोबार करने वालों को जीएसटीएन पर अपने पैन के जरिए रजिस्ट्रेशऩ कराना होगा.

  3. 20 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन डेढ़ करोड़ रुपये से कम तक का सालाना कारोबार करने वाले 90 फीसदी व्यापारी, कारोबारी, उद्यमी राज्य सरकार के नियंत्रण में आंएंगे जबकि बाकी 10 फीसदी केंद्र सरकार के तहत. कारोबारियों की चयन लॉटरी के जरिए होगा.

  4. डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना कारोबार करने वालों में आधे राज्य सरकार के अधीन होंगे जबकि बाकी केंद्र सरकार के अधीन. कौन से कारोबारी किसके अधीन आएंगे, इसका फैसला भी लॉटरी के आधार पर होगा.