4 से घटकर 3 हो सकते हैं GST Slab, बिजली और ईंधन को भी जीएसटी के दायरे में लाने की प्लानिंग
Goods and Service Tax: बिजली के साथ ईंधन को भी जीएसटी के दायरे में लाने की प्लानिंग चल रही है. साथ ही टैक्स स्लैब की संख्या को भी चार से घटाकर तीन किया जा सकता है.
GST Slab: उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष संजीव बजाज ने मंगलवार को जीएसटी ढांचे को सरल बनाने की वकालत करते हुए कहा कि बिजली के साथ ईंधन को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए. इसके साथ ही बजाज ने जीएसटी के टैक्स स्लैब की संख्या को भी चार से घटाकर तीन करने का सुझाव दिया है.
बिजली और ईंधन को भी जीएसटी में लाने की जरूरत
बजाज ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि माल एवं सेवा कर (GST) को अधिक सरल बनाने के लिए कुछ असंगतियों को दूर करना होगा और बिजली, ईंधन जैसे उत्पादों को भी इस टैक्स के दायरे में लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा है ति अगर हम ऐसा करते हैं, तो जीएसटी की संरचना अधिक सरल होगी, लागत में कमी आएगी और उद्योग जगत अधिक प्रतिस्पर्द्धी हो पाएगा.
जीएसटी को हो चुके हैं 5 साल
उन्होंने विलासिता वाले उत्पादों को 28 फीसदी के ऊंचे टैक्स स्लैब में रखे जाने को सही ठहराते हुए कहा है कि हमारा मानना है कि जीएसटी टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाने के लिए तीन स्लैब बनाए जा सकते हैं. अब इस कर प्रणाली को लागू हुए पांच साल बीत चुके हैं और हमारे पास अनुभव भी है लिहाजा इस पर चर्चा की जा सकती है.
जीएसटी में अभी 4 स्लैब हैं
जीएसटी के फिलहाल चार स्लैब हैं जो क्रमशः पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं. सोने और रत्न एवं आभूषण के लिए कर की अलग दरें हैं. बजाज फिनसर्व लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती सेहत के मुद्दे पर कहा कि रिजर्व बैंक इसे काबू में करने की अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है.
मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए उठाए कई कदम
उन्होंने कहा कि सरकार ने मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर मानसून अच्छा रहता है तो मुद्रास्फीति में कमी आनी चाहिए. बजाज ने कहा कि बीते दो वर्षों में सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की वजह से भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति में है.