नई दिल्लीः गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने की फाइनल तारीख का ऐलान हो गया है. 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होगा. केंद्र और राज्यों के बीच डुएल कंट्रोल के मुद्दे पर सहमति बन जाने के बाद जीएसटी के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. आज जीएसटी काउंसिल की 9वीं बैठक में इसका ऐलान हुआ है. पहले सरकार ने जीएसटी लागू करने की तारीख 1 अप्रैल 2017 बताई थी. हालांकि केन्द्र और राज्यों के बीच गतिरोध की वजह से जीएसटी को अप्रैल से लागू करना मुश्किल नजर आ रहा था. लिहाजा माना जा रहा था कि जीएसटी 1 अप्रैल से लागू नहीं हो पाएगा.


वस्तु एवं सेवाकर (GST) परिषद की आज हुई बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर बने गतिरोध को समाप्त किया गया. अहम फैसला हुआ जिसके तहत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का 90 फीसदी टैक्स एसेसमेंट का अधिकार राज्यों के पास होगा और 10 फीसदी केंद्र सरकार की एडमिनिस्ट्रेटिव मशीनरी करेगी. 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों का टैक्स एसेसमेंट 50:50 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करेंगी. राज्य लगातार इस मांग पर अड़े हुए थे कि 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों के टैक्स एसेसमेंट का अधिकार उन्हें मिले. आज इस पर


आज जीएसटी काउंसिल की 9वीं बैठक में सिर्फ दोहरे नियंत्रण का मुद्दा ऐजेंडे में था क्योंकि पिछली 4 बैठकों से डुअल कंट्रोल या दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पा रही है. जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक 4 जनवरी को हुई थी. राज्यों की मांग थी कि डेढ़ करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाली करदाता इकाइयां पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में आनी चाहिए. पर केंद्र सरकार इस तरह का विभाजन नहीं चाहती थी क्योंकि केन्द्र का मानना था कि राज्यों के पास सर्विस टैक्स वसूली लगाने के क्षेत्र में अनुभव नहीं है.

क्या होता है जीएसटी?
जीएसटी के लागू होने से हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा. देशवासियों को जीएसटी से सबसे बड़ा फायदा होगा कि पूरे देश में सामान पर देश के लोगों को एक ही टैक्स चुकाना होगा. यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी. वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अधिकतर टैक्सेज को जीएसटी के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है. जीएसटी आने के बाद देश में टैक्स की दरें एकसमान हो जाएंगी यानी जीएसटी के बाद आम आदमी को सस्ता सामान मिलेगा.

फिलहाल वस्तुओं पर भिन्न प्रकार के टैक्स लगते हैं जिससे अलग-अलग राज्यों में कीमतों में अंतर होता है जैसे अभी अगर दिल्ली में किसी गाड़ी को खरीदा जाता है तो दूसरे राज्यों की अपेक्षा उसकी कीमत भिन्न होती है. यानी जीएसटी के बाद आप किसी भी राज्य में रहते हो, आपको हर सामान एक ही कीमत पर मिलेगा. भारत में साल 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था.

सभी टैक्स हो जाएंगे खत्म, सिर्फ जीएसटी लगेगाः
इसके लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे. राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी.

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