नई दिल्लीः जीएसटी लागू में होने में अब बेहद कम वक्त बचा है और इससे सबसे ज्यादा फिक्र छोटे व्यापारियों को है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि इससे उनके कारोबार को नुकसान होने वाला है, घबराहट वाज़िब है लेकिन सरकार की तरफ से उनके डर को हटाने का उपाय भी किया गया है. 75 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए सरकार कंपोजीशन स्कीम लेकर आयी है. कंपोजीशन स्कीम में तीन स्लैब हैं, पहला है बेचने वालों के लिए, इसमें सालाना टर्नओवर का 1 फीसदी देना है, दूसरा है बनाने वालों का, इसमें सालाना टर्नओवर का 2 फीसदी देना है, और तीसरा है रेस्त्रां चलाने वालों के लिए, इसमें सालाना टर्नओवर का 5 फीसदी देना है


कंपोजीशन स्कीम में जो व्यापारी हैं उनमें से ट्रेडिंग में हैं तो 75 लाख तक का व्यक्ति 1 फीसदी टैक्स देगा. मैन्युफैक्चरिंग में है तो 2 फीसदी टैक्स और अगर वो रेस्टोरेंट के बिजनेस में है तो 5 फीसदी टैक्स देगा.


ये स्कीम ऐसे काम करेगी
मान लीजिए कोई रेडिमेड कपड़े बेचने वाला एक व्यापारी का सालान टर्नओवर 75 लाख रुपये का है, अगर वो कंपोजिशन स्कीम लेता है तो उसे 75 लाख का 1 फीसदी यानी 75 हजार रुपए टैक्स में एक ही बार देना है. स्कीम का फायदा ये होगा कि व्यापारियों को हर तिमाही में एक रिटर्न और साल का एक रिटर्न यानी कुल 5 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे, कागज़ी कार्रवाई का झंझट कम होगा, नुकसान ये है कि ना तो इन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा और ना ही ये अपने ग्राहक से जीएसटी वसूल पाएंगे.


सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि 20 लाख सलाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी देने की कोई जरूरत ही नहीं है, आपको ये भी बता दें कि 75 लाख तक की इस कंपोजिशन स्कीम का फायदा आइस्क्रीम, पान-मसाला, तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों के कारोबारियों को नहीं मिलेगा. छोटे कारोबारियों की सुविधा के लिए 31 राज्यों के और केंद्र के जो चुने हुए प्रतिनिधि हैं उन्होंने पर्याप्त ध्यान रखा है.



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