एच1बी वीजा के नियम में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है. अमेरिकी सरकार का उद्देश्य मापदंडों को सही करना, नियोक्ता और कर्मचारी के बीच लचीलापन लाना, संभावित दुरुप्रयोग और धोखाधड़ी को रोकना है. इस कारण अमेरिकी सरकार ने एच1बी वीजा के नियमों में संशोधन का फैसला लिया है, जिस कारण इसमें बदलाव के कई प्रस्ताव पेश किए गए हैं.
बड़े बदलाव करने के बाद भी अमेरिकी सरकार द्वारा जारी की जाने वाली सालाना 60 हजार एच1बी वीजा की सीमा अनचेंज रहेगी. हालांकि इन बदलावों से भारतीय वर्करों को ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है. आइए जानते हैं सरकार ने एच1बी वीजा में किन बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है.
चयन प्रक्रिया में बदलाव
दुरुप्रयोग को रोकने के लिए सिंगल रजिस्ट्रेशन सेलेक्शन प्रॉसेस लागू करने की योजना है. पीटीआई के मुताबिक हर व्यक्ति को उनकी रजिस्ट्रेशन नंबर की परवाह किए बगैर सिर्फ एक बार एंट्री दी जाएगी.
धोखाधड़ी से बचाव
रजिस्ट्रेशन एक से ज्यादा बार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ताकि धोखाधड़ी की संभावना को कम किया जा सके. वहीं गैर अनुपालन की स्थिति में आवेदन को रिजेक्ट करने की भी योजना होगी.
पात्रता में भी बदलाव
लोगों को चयन उनके एजुकेशन के अलावा अन्य मापदंड़ों पर भी फोकस किया जाएगा. पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स को अपने कार्य का वर्णन विस्तार से करना होगा.
स्टार्टअप और कारोबारियों को लाभ
यह एच1बी वीजा कारोबारियों और स्टार्टअप को विशेष तौर पर लाभ देने के लिए तैयार किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन बदलावों से निश्चित तौर पर भारतीयों को लाभ मिल सकता है.
बदलाव से क्या होगा लाभ?
अमेरिकी सरकार के इस प्रस्ताव के अप्रूव होने के बाद उम्मीद है कि स्टार्टअप्स की संख्या में इजाफा होगा. साथ ही एच1बी वीजा में परिवर्तन एफ 1 प्रोग्राम में फ्लैक्सिबिल्टी देगा और नॉमिनीग्रांट वर्कर्स की क्षमता को प्रभावित करेगा.
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