Traders Questions GST: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का जन्मदिन है जिन्हें देश में जीएसटी ( Goods and Services Tax) सफलता पूर्वक लाने के लिये याद किया जाता है. अरुण जेटली की ही शख्सियत का ये नतीजा था कि उन्होंने सभी राज्यों को एक मेज पर लाकर 1 जुलाई 2017 को देश में एक देश एक टैक्स की प्रणाली जीएसटी को लॉन्च कराया. 


जीएसटी बन गया जटिल


लेकिन ट्रेडर्स जीएसटी के जटिलताओं को लेकर परेशान हैं. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि आज अरुण जेटली जीवित होते तो जीएसटी कर प्रणांली इतनी जटिल न होती.  कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और  राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरल जीएसटी कर प्रणाली को देश में लागू करने और देश के व्यापार एवं उद्योग को आसानी से कारोबार करने के उद्देश्य के प्रति अरुण जेटली समर्पित थे और यही कारण है की जब तक वे वित्त मंत्री रहे तब तक जीएसटी के नियमों में लगातार आवश्यकतानुसार संशोधन होते रहे. 


जीएसटी कहीं खो गया


कैट के मुताबिक जिस जीएसटी कर प्रणाली की परिकल्पना अरुण जेटली ने की थी और जिस प्रणाली को प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई 2017 को संसद के केंद्रीय कक्ष से लागू किया था, वो जीएसटी देश में कहीं खो गया है और उसके स्थान पर जीएसटी एक बेहद, उलझी हुई और व्यापारियों को परेशान करने वाली कर प्रणाली बन गई है. 


व्यापारियों से सलाह मशविरा नहीं


कैट के मुताबिक अरुण जेटली द्वारा बताया गए जीएसटी में इतने सारे फार्म भरने का झंझट नहीं था. जब तक जेटली वित्त मंत्री रहे तब तक लगातार व्यापारियों से संवाद भी जारी रहा. लेकिन उनके जाने के बाद जीएसटी काउंसिल ने या किसी राज्य की सरकार ने व्यापारियों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया और मनमाने तरीके से जीएसटी कर प्रणाली में संशोधन कर इसको एक बेहद जटिल कर प्रणाली में परिवर्तित कर दिया. 


GST की जटिलताओं के खिलाफ व्यापारियों की बैठक 


जीएसटी की जटिलताओं से परेशान होकर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स 11 -12 जनवरी को देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं का एक उच्च स्तरीय " राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन " कानपुर में आयोजित कर रहा है जिसमें जीएसटी, ई कॉमर्स , नेशनल रिटेल पॉलिसी, ई कॉमर्स पालिसी , व्यापारियों के लिए सरकारी सुविधाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी.